सीएम सर, ये संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है... 1 बेड पर 2-2 मरीज, फर्श पर इलाज, क्षमता 350 बेड की, 470 मरीज भर्ती हैं
- दर्द दोगुना... 4 दिन से एक ही पलंग पर भर्ती है अरविंद और दत्तराज, करवट तक नहीं ले सकते हैं
एमजी अस्पताल के अर्थोपेडिक वार्ड में भर्ती मरीज कुशलगढ़ क्षेत्र के पाली बड़ी निवासी अरविंद पुत्र प्रकाश के हाथ का ऑपरेशन कर भर्ती किया है। उसी मरीज के पलंग पर नवाखेड़ा के दत्तराज पुत्र देवराज डोडियार का भी इलाज किया जा रहा है। दोनों ही मरीज चार दिन से भर्ती हैं। दूसरी तरफ बियापाड़ा निवासी जीतमत पुत्र बदा भाटिया का दो दिन से जमीन पर गद्दा बिछाकर इलाज किया जा रहा है।
पूछने पर जीतमत ने बताया कि वार्ड में पलंग खाली नहीं है। जब कोई मरीज घर जाएगा तो शिफ्ट करेंगे। अर्थोपेडिक वार्ड की इंचार्ज वीरबाला कटारा ने बताया कि वार्ड में केवल 36 बेड की क्षमता है, अब मरीज ही ज्यादा आ गए तो क्या कर सकते हैं। गद्दों की अतिरिक्त व्यवस्था कर इलाज कर रहे हैं। मरीजों ने बताया कि हालात ऐसे हैं कि वह करवट तक नहीं ले पा रहे हैं। अस्पताल में ओढ़ने के लिए चद्दर और तकिए तक नहीं है। मरीजों को घर से लाने पड़ रहे हैं। भास्कर संवाददाता | बांसवाड़ा जिले के सबसे बड़े एमजी अस्पताल में इन दिनों क्षमता से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। ऐसे में फर्श पर गद्दे लगाकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं या फिर एक पलंग पर दो-दो मरीज भर्ती हैं। एमजी अस्पताल में 350 बेड की क्षमता है, लेकिन बुधवार को 470 मरीज भर्ती थे।
इन मरीजों में सबसे ज्यादा अर्थोपेडिक और पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में मरीज भर्ती हैं। अर्थोपेडिक वार्ड में 36 पलंग की क्षमता है, जबकि यहां 51 मरीज भर्ती हैं । एसएनसी वार्ड में 30 बेड की क्षमता की जगह 45 मरीज भर्ती हैं। पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड, मातृ एवं शिशु अस्पताल में भी यही हाल है। आर्थोपेडिक वार्ड में एक ही पलंग पर भर्ती अरविंद और दत्तराज। फोटो: आशीष गांधी आर्थोपेडिक वार्ड में फर्श पर लगे फटे गद्दे पर सोया मरीज।