पाइप लाइन के लिए सभापति जैनेंद्र बिफरे, बोले- शहर नहीं खोदने दूंगा
मंत्री बामनिया ने फिर से सर्वे करने काे कहा
माही बांध से कुशलगढ़-सज्जनगढ़ तक पाइप लाइन के जरिये पीने का पानी पहुंचाने के लिए चलाई जा रही योजना का काम फिलहाल रोक दिया गया है। शहर के बीच से होकर निकलने वाली पाइप लाइन का अब दोबारा सर्वे होगा। सर्किट हाउस में शनिवार को राज्य मंत्री अर्जुन बामनिया ने बुलाई बैठक में इसी योजना पर चर्चा के दौरान सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी ने पुरजोर विरोध जताया। सभापति ने कहा कि पाइप लाइन शहर के बीच से निकलने पर आमजन को परेशानी होगी। चूंकि, पाइपलाइन कई इलाकों से होकर निकलनी है ऐसे में इसमें लंबा वक्त लगेगा। जगह-जगह आम रास्ता खोदने से शहरवासियों में नाराजगी बढ़ेगी। ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल हो जाएगी। सभापति ने कहा कि वह योजना का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन पाइप लाइन दूसरी जगह से भी निकाली जा सकती है। इस पर राज्य मंत्री बामनिया ने भी इसे आमजन के हित को देखते हुए मौजूद अधिकारियों को शहर के नजदीक से पाइप लाइन ले जाने के विकल्प पर सोचने और इसके लिए दोबारा सर्वे करने के निर्देश दिए। इसके बाद फिलहाल शहर में इसका काम रोक दिया गया है।
बैठक में जलदाय विभाग के एसई हरीश लोढ़ा और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। पाइप लाइन के विरोध के बाद मंत्री बामनिया ने एसई को फिलहाल काम रोककर कहा कि वें शहर से बाहर से पाइप लाइन के लिए सर्वे करे। मंत्री बामनिया ने कहा कि सर्वे कराकर इसे कागदी पिकअप वियर से कड़ेलिया, भंडारिया होते हुए बड़ौदिया और आसपास के अन्य गांवों और कस्बों में शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने के पुख्ता इंतजाम करें। इसके लिए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को मौका मुआयना कर तत्काल इसकी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। बैठक के बाद एसई हरीश लोढ़ा, माही के अधिकारी नीरज मीणा समेत संबंधित अधिकारी मौके पर पहुंचे और पाइप लाइन आगे ले जाने के लिए सर्वे कर विकल्प तलाशा। एसई लोढ़ा ने बताया कि पाइपलाइन के दोबारा सर्वे करने में दो से तीन जगह देखी है। सभापति से चर्चा के बाद इसे आगे बढ़ाया जाएगा। बैठक कलेक्टर कैलाश बैरवा, एडीएम नरेश बुनकर के अलावा जलदाय विभाग और डिस्कॉम के अधिकारी मौजूद रहे।
शहर के बीच इन कॉलोनियों में होकर बिछानी थी पाइप लाइन
योजना के तहत पाइप लाइन नया बस स्टैंड, मोहन कॉलोनी, माही कॉलोनी, प्रताप सर्किल होते हुए डूंगरपुर-उदयपुर लिंक रोड से होकर ओजरिया बाईपास से गुजरनी थी। चूंकि, इस पाइप लाइन से शहर को कोई फायदा नहीं मिलने वाला था। 700 एमएम के बड़े पाइप की लाइन बिछाने के लिए करीब 2 मीटर गहरी खुदाई करनी थी। जिससे शहर में पहले से लगी पाइप लाइन टूटती, सड़क टूटती, बिजली विभाग का भी नुकसान होता। टेलीफोन वायर भी इसकी चपेट में आ सकते थे। यहीं वजह है कि सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी ने इसका विरोध इसे शहर के बाहर से निकालने की मांग की।
याेजना में 2018 में मिली थी 798.35 करोड़ रुपए की मंजूरी
इस योजना का पूरा सर्वे मैसर्स पीडीकोर द्वारा करवाया गया। बाद में स्टेट लेवल की कमेटी में प्रस्ताव को मंजूरी मिली। 12 सितम्बर, 2017 को 732.43 करोड़ टेक्निकल क्लीयरेंस दी गई। जिसके बाद 18 जनवरी, 2018 को 798.35 करोड़ की प्रशासनिक वित्तीय स्वीकृति भी मिल गई। जिसका पूरा वर्क ऑर्डर 541 करोड़ का दिया गया। जिसकी स्वीकृति भी 2018 मिल गई। योजना के तहत जिसके लिए माही डैम पर इंटेक बनना है जिसका काम भी शुरू हो चुका है। इसके बाद इस वर्ष इसमें रतलाम रोड स्थित पावर हाउस से पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू किया गया था जो शहर तक पहुंच चुका है।
योजना से 399 गांव, 395 ढाणियों तक पहुंचेगा पानी
सरकार की ओर से चल रही योजना है कि जहां पानी ज्यादा है वहां से गांवों और ढाणियों में पेयजल की व्यवस्था की जाए। जिसको लेकर जिले में माही बांध से अन्य गांवों तक पानी पहुंचाने का काम चल रहा है। इसी के तहत अभी जो प्रोजेक्ट चल रहा है उसमें कुशलगढ़-सज्जनगढ़ पंचायतों के 399 गांव और 395 ढाणियों के लिए यह प्रोजेक्ट चल रहा है। जिसके लिए माही डेम से इन दोनों पंचायत के गांवों तक पानी लेकर जाना है। कम दूरी के लिए यह पाइप लाइन शहर के बीच से होकर गुजरेगी। दरअसल ये योजना रतलाम रोड स्थित पावर हाउस से शुरू होगी, जो शहर के बीच से होती हुई कुशलगढ़ तक जाएगी। शहर में 7 किमी का इलाका पोस्ट ऑफिस से ओजरिया बाइपास तक इसके लिए खोदने का प्लान था।
आगे क्या?
10 दिन में होगा नया सर्वे होगा, बजट बढ़ेगा
सभापति के विरोध के बाद मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने शहर के बीच से पाइप लाइन बिछाने के काम पर फिलहाल रोक लगा दी है। नया सर्वे होगा। इसमें बजट भी बढ़ सकता है। ऐसे में बजट बढ़ने पर अलग से स्वीकृति जारी करानी होगी। ऐसे में अब पाइप लाइन बिछाने में वक्त लग सकता है। एसई के मुताबिक अभी जगह फाइनल के लिए भी 10 दिन लग जाएंगे।
मंत्री बामनिया और कलेक्टर कैलाश बैरवा ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों की सर्किट हाउस में बैठक ली।