डमी कैंडिडेट बैठाने वाले ग्राम सेवक के खिलाफ केस दर्ज:मुख्य एजेंट वीरमाराम ने वीडीओ और आईए की परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट बनकर दी परीक्षा
ग्राम सेवक भर्ती परीक्षा 2011 में डमी कैंडिडेट बैठाने के मामले में कुशलगढ़ पुलिस ने पाली बड़ी के सुखेड़ा निवासी कोवरसिंह अड़ और उसकी जगह डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा देने वाले मुख्य एजेंट जालौर के भीनमाल क्षेत्र के पुनामा निवासी वीरमाराम जाट के खिलाफ केस दर्ज किया है।
पुलिस उपअधीक्षक एसटी/एससी सेल श्यामसिंह ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि भर्ती परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट बैठाने के केस में पूर्व में गिरफ्तार आरोपी बगायचा निवासी सकनसिंह खड़िया ने जांच के दौरान तत्कालीन जांच अधिकारी सवाईसिंह को बताया था कि ग्राम सेवक भर्ती परीक्षा 2011 में कोवरसिंह ने आवेदन में अड़ किया था। पक्षी परीक्षा कोवरात्र के पुनामा निवासी वीरमाराम जाट ने परीक्षा दी थी। परीक्षा के परिणाम में कोवरसिंह उत्तीर्ण भी हो गया। इसकी एवज में कोवरसिंह ने 2.50 लाख रुपए दिए थे।
सकन सिंह के कबूलनामे के बाद पुलिस ने इसकी जांच की। इस पर सामने आया कि कोवरसिंह अड़ का 2011 ग्राम सचिव सेवक एवं पदेन सचिव की परीक्षा का सेंटर शहर में ठीकरिया की एक स्कूल में आया था। जहां परीक्षा देने डमी कैंडिडेट बनकर वीरमाराम पहुंचा। इस परीक्षा के बाद कोवरसिंह ग्राम सेवक एवं पदेन सचिव परीक्षा में चयनित हुआ। इसके बाद 23 नवंबर, 2011 में पंचायत समिति छोटी सरवन में नियुक्ति प्राप्त की। कोवर सिंह छोटी सरवन के अलावा कुशलगढ़ व घाटोल पंचायत समिति में भी कार्यरत रहा।
उदयपुर में हुई थी सकन और वीरमाराम की दोस्ती
वीडीओ सकन खड़िया उदयपुर में पढ़ाई करता था। उसी दौरान वीरमाराम के संपर्क में आया। दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई। बाद में वीरमाराम ही वीडीओ सकन खड़िया की जगह परीक्षा में बैठा। सकन खड़िया सफल हुआ तो दोनों ने और अभ्यर्थियों से भी इसकी डील शुरू कर दी। वीरमाराम अपने क्षेत्र में ऐसे स्टूडेंट्स की तलाश करता जो इंटेलिजेंट हो और परीक्षा पास कर दे, जबकि सकन बांसवाड़ा में ऐसे अभ्यर्थी तलाशता जो रुपए देकर परीक्षा पास करना चाहते थे।
भर्ती परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट बैठाने वाले रैकेट चला रहा था
मुख्य एजेंट वीरमाराम बीएड किया हुआ हैं है और और सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा दे चुका है। वीरमाराम ने ही एजेंट गढ़ी पंचायत के वीडीओ सकन खड़िया की जगह परीक्षा दी थी। सूचना सहायक भर्ती परीक्षा-2018 में भी एक अभ्यर्थी की जगह डमी कैंडिडेट बना था। वीरमाराम खुद तो डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा देता ही था, दूसरे अभ्यर्थियों के लिए भी डमी कैंडिडेट का बंदोबस्त करता था।