रात को दो लड़कों को घर से उठाकर लाए, दूल्हा और दुल्हन बनाकर करा दी शादी

बड़ोदिया में परंपरा : बिनौला, मामेरा, सात फेरे, मंगल सूत्र पहनाने तक की रस्में निभाई
बड़ोदिया| जिले के बड़ोदिया कस्बे में होलिका दहन की पहली रात को करीब 500 साल पुरानी अनूठी परंपरा का निर्वहन किया जाता है। बुधवार रात को लक्ष्मीनारायण मंदिर चौक पर एक दिन पहले आधी रात से ही होली की मस्ती की शुरुआत हुई। यहां गांव के गेरिये घरों में सोए दो बच्चों को उठाकर लाए। लक्ष्मीनारायण चौक पर मंडप सजाया गया। मानवेंद्र को दूल्हा तो हर्षित को दुल्हन बनाकर शादी की सारी रस्में निभाई। इस अनूठी शादी के साक्षी बड़ोदियावासी बने। बुधवार रात को गांव के मानवेंद्र और हर्षित के घर गांव के युवा गए और काम होने का बहाना बनाकर उठाया। इसके बाद युवा दोनों को लक्ष्मीनारायण चौक पर लाए। इस अनूठी परंपरा में हो रही शादी को देखकर हर कोई आनंद ले रहा था। कोई ताली बजा रहा था तो कोई दोनों लड़कों को चिढ़ा रहा था। मंडप में सात फेरे लेते समय युवा होली के हुड़दंग मंे फागुनी गीत गा रहे थे। शादी की रस्मों के दौरान डीजे की धुन पर बड़ी संख्या मंे बच्चे और युवा नाच झूम रहे थे। दूल्हे ने दुल्हन की मांग में सिंदूर भरा, इस के बाद मंगलसूत्र पहनाया, एक दूसरे के गले में वरमाला पहनाई। पूरे चौक में गुलाल अबीर उड़ाया और फाल्गुनी गीत गाए। इस दौरान हस्त मिलाप व मामेरा में सभी ग्रामीणों ने वर वधु के हाथों मंे नकद राशि दी। इसके बाद दोनों का गांव मंे डीजे की धुन पर घोड़ी पर बिठाकर बिनौला निकाला। हाथीवड़ा और मामेरा की रस्म में सभी गेरियों ने दोनों को नकद राशि भेंट की। मंदिर परिसर में ढोल ढमाकों के साथ युवाओं ने डांडिया खेले। इसके बाद फागण गीत गाए, वर वधु के सात फेरे करवाए। दूल्हा बने मानवेंद्र ने दुल्हन बने हर्षित की मांग में सिंदूर भरा, मंगलसूत्र पहनाया और वरमाला की रस्म भी अदा की।