40 हजार उपभोक्ताओं को दोगुनी राशि के बिल, पार्षद बोले-सिक्योर के मीटर बिना बिजली चल रहे

सिक्योर मीटर कंपनी की सफाई के 14 दिन बाद ही बिलों पर हंगामा...कलेक्टर बोले-बिल ज्यादा क्यों आ रहे, कंपनी को बताना होगा
सिक्योर मीटर कंपनी शुक्रवार को फिर विवादों में आ गई। कलेक्ट्रेट भवन में हुई मीटिंग में ज्यादा राशि के बिलों पर इस बार सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी और पार्षदों का दर्द भी सामने आ गया। सभापति बोले-उनके फार्म हाउस का बिल पहली बार 89 हजार रुपए का आया। यह कैसे हुआ, कुछ समझ नहीं आ रहा। पार्षदों ने सिक्योर कंपनी का ठेका निरस्त करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि कंपनी ने जब से अपने मीटर लगाने शुरू किए, तब से ही 40 हजार उपभोक्ताओं को ज्यादा राशि के बिल मिल रहे हैं। पार्षद महावीर बोहरा ने सवाल किया कि जब सिक्योर कंपनी को केवल मीटर, रीडिंग व बिल बांटने का जिम्मा है तो फिर कंपनी अपने खुद के मीटर क्यों लगा रही है? सभापति ने कहा कि शहर में सिक्योर कंपनी के आने से जहां उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गई है। यह कंपनी शहर में नहीं चाहिए। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजेंगे। जहां हर महीने 70 लाख रुपए सरकार सिक्योर कंपनी को भुगतान कर रही है, जिसमें भी निगम के कर्मचारी भी काम कर रहे हैं। कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने कहा कि कंपनी को समझाना होगा कि लोगों के बिजली बिल इतने ज्यादा क्यों आ रहे हैं? जब तक कोई समस्या का समाधान नहीं होगा तो यह समस्या तो आती रहेगी। बैठक में अजमेर डिस्कॉम के अधिशासी अभियंता एमडी चौधरी, सिक्योर के अधिकारी अमित माथुर, नेता प्रतिपक्ष ओम पालीवाल, उप नेता प्रतिपक्ष महावीर बोहरा, पार्षद जाहिद अहमद सिंधी, चंकी शाह, देव बाला, नटवरलाल, मुकेश जोशी, महेश तेली, हेमंत राणा, योगेश जोशी, राकेश सेठिया आदि उपस्थित थे।
हर महीने 70 लाख रुपए ले रही सिक्योर कंपनी, टेंडर को मुनाफे में बदला, खुद के मीटर लगाने शुरू किए, तब से 40 हजार उपभोक्ताओं को दोगुनी राशि के बिल
14 दिन पहले सिक्योर मीटर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बिजली बिल ज्यादा आने पर लोगों के गुस्से पर सफाई दी थी। इस कंपनी ने अप्रेल 2021 से बांसवाड़ा की बिजली व्यवस्था का काम संभाला था। उसके बाद से 40 हजार उपभोक्ताओं का दर्द बढ़ता जा रहा है। हैरानी यह है कि जब लोग कम समय में बिल जारी होने, ज्यादा राशि के बिजली बिलों की शिकायत कर रहे थे, तब सभी अफसर चुप थे। दैनिक भास्कर ने सिक्योर मीटर की गड़बड़ियों पर पड़ताल की तो कई चौंकाने वाली जानकारी मिली। कंपनी को अप्रैल में हर महीने करीब 70 लाख रुपए का ठेका दिया गया। इसमें हर उपभोक्ता के हिसाब से 167 रुपए के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है। दिलचस्प यह है कि टेंडर शर्त में इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगाना शामिल था, लेकिन कंपनी ने इसे अपने मुनाफे में बदल लिया। सिक्योर ने अपनी ही कंपनी के मीटर लगाना शुरू कर दिया। अब तक कंपनी 6 हजार अपने मीटर लगा चुकी है। उपभोक्ताओं का दर्द यही है कि जब से कंपनी ने अपने मीटर लगाए हैं, तब से ज्यादा बिल आ रहा है। अब सवाल यह है कि कंपनी को इतनी छूट किसने और क्यों दी? उपभोक्ता लगातार शिकायतें कर रहे हैं तो अजमेर डिस्कॉम चुप क्यों है और उपभोक्ताओं के साथ खिलवाड़ होते कैसे देख रहा है। सिक्योर कंपनी के प्रभारी अमित चौहान का कहना है कि उनकी कंपनी खुद के मीटर बनाती है। 10 साल की गारंटी है। मीटर बदलना निगम के साथ हुई शर्त में है।
कंपनी खुद मीटर बनाती है तो दूसरी कंपनी से कैसे खरीदेगी : एक्सईएन
{क्या शहर में सभी बिजली मीटर बदले जाएंगे?
- केंद्र की गाइडलाइन के मुताबिक सभी जगहों पर इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगाए जाने हैं।
{क्या सिक्योर कंपनी को अपने ही मीटर लगाने का ठेका है?
- सिक्योर कंपनी को ठेका दिया है, जिसमें मीटर लगाना, बिल वितरण, कलेक्शन करना शामिल है। मीटर तो कंपनी खुद बनाती है तो दूसरी जगह से कैसे खरीद करेगी।
{फिर लोगों की रीडिंग ज्यादा आने, बिल बढ़ने की समस्या क्यों आ रही है?
- टोल फ्री नम्बर दे रखे हैं। कार्यालय में भी लोगों की समस्या को सुना जा रहा है। कोई समस्या है तो संपर्क कर सकते हैं।
पार्षद ने कहा-जिम बंद था तो 10-10 हजार रुपए का बिल कैसे?
जनता का दर्द : हम 4 महीने से बता रहे, कोई सुन क्यों नहीं रहा
1. कस्टम चौराहे पर पार्षद महेश तेली का जिम है। बैठक में पार्षद ने कहा कि जिम बंद रहा फिर भी 10-10 हजार का बिल दिया। उसमें भी पैनल्टी लगा दी। जब कोरोनाकाल में पैनल्टी की छूट दी थी, फिर भी यहां छूट नहीं दी गई।
2. व्यापारी दलीप माहेश्वरी ने बताया कि उनकी पुराने बस स्टैंड पर दुकान है। जहां अगस्त में 1044 रुपए का बिल आया है। पहले दो महीने में एक बार 1200 से 1500 रुपए तक ही बिल आता था। अब तो फ्रीज, कूलर भी नहीं चल रहे।
3. उपभोक्ता विनोद गोतम ने बताया क अगस्त महीने में 4 हजार रुपए का बिल आया है, जो अब तक का सबसे ज्यादा है। पहले दो महीने में 4 से 5 हजार रुप का बिल आता था। कई बार शिकायत की, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।
परिषद की बैठक में भी निंदा प्रस्ताव पास हो चुका, फिर भी कार्रवाई क्यों नहीं?
20 दिन पहले हुई नगर परिषद की बैठक में भी सभी पार्षदों ने सिक्योर कंपनी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया था। भाजपा-कांग्रेस पार्षदों ने एक मत के साथ कंपनी को हटाने को लेकर प्रस्ताव पास किया था।
एमडी चौधरी, एक्सईएन
} उपभोक्ताओं की शिकायतों के बाद बुलाई गई मीटिंग में सभापति ने रखा दर्द-पहली बार फार्म हाउस का बिजली बिल 89 हजार आया, यह कंपनी शहर में नहीं चाहिए, सरकार को भेजेंगे प्रस्ताव
जिला कलेक्ट्रेट में सिक्योर मीटर एजेंसी के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक के बाद पत्रकारों के बीच असंतोष जताते हुए सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी।
