बड़े कारोबारियों ने पौधे लगा सड़कों पर कब्जा किया, गली तक बंद की, उन पर मेहरबान, छोटे अतिक्रमियों पर सख्ती
- सरकारी गली तक बंद कर, इस्तेमाल में ले ली
जिले में चल रहा अतिक्रमण हटाओ अभियान बेअसर साबित हो रहा है। टीमें अतिक्रमण हटा तो रही हैं, लेकिन छोटे व्यापारियों और दुकानदारों के यहां। बड़े व्यापारियों के यहां अतिक्रमण देखकर भी नजर अंदाज किया जा रहा है। गौरतलब है कि संभागीय आयुक्त नीरज के पवन के निर्देश पर जिलेभर में अतिक्रमियों के अभियान जोर-शोर से चल रहा है। लेकिन सिवाय टीनशेड और केबिनों को हटाने के टीमें और कुछ नहीं कर रहीं।
पक्के निर्माण ऐसे ही छोड़े जा रहे हैं। अभियान घाटोल सहित कई कस्बों में चल रहा है, लेकिन बांसवाड़ा शहर में ही ऐसे अतिक्रमण है, जिन्हें हटाया जाना जरूरी है। शहर के कस्टम चौराहा से कॉलेज रोड तक कई अतिक्रमण ऐसे मिल जाएंगे, जिनकी वजह से दिन में कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। दुकानदारों ने फुटपाथ तक कब्जा कर रखा है। पौधे लगाकर सड़कें तक रोक ली हैं। शहर में इन अतिक्रमियों के िखलाफ प्रशासन का डंडा अब तक नहीं चल पाया है। बता दें कि नगर परिषद की टीम कस्टम चौराहे से लेकर कॉलेज रोड तक अतिक्रमण मुक्त अभियान चला चुकी हैं। ऐसे में रोड पर ही स्थित एक कपड़ों की दुकान के बड़े कारोबारी ने दुकान के पास ही पेड़ लगाकर अतिक्रमण सालों से कर रखा है। उस जगह को वह खुद की बताता है। इतना ही नहीं अगर कोई वाहन भी खड़ा करे तो उसके साथ अभद्रता तक की जाती है। दरअसल पेड़ लगाकर अतिक्रमण करने का तरीका उसके पीछे ही बने एक अन्य व्यापारी के अतिक्रमण करने के बाद आया है। उसने सड़क पर बाउंड्री बनाकर टीन शेड लगाया, इसके बाद उसी की सीध में अतिक्रमण करने के लिए पेड़ पौधे लगा दिए गए हैं।
किसी भी बड़े कारोबारी या प्रभावशाली का अतिक्रमण हो, ऐसे लोगों का अतिक्रमण निश्चित तौर पर हटाया जाएगा। इसको मैं अपने स्तर पर स्वयं ही दिखवाता हूं। अतिक्रमण को शत-प्रतिशत हटाने का काम कर शहर की सड़कों पर निर्बाध ट्रैफिक व्यवस्था करना ही हमारा उद्देश्य है। नीरज के पवन, संभागीय आयुक्त दोनों ही दुकानों के बीच में एक सरकारी गली है। जिसको दोनों ही छोरों से बंद कर दिया गया है और कोई भी उस गली से अब आना जाना नहीं कर सकता है। सरकारी जमीन की गली के एक छोर को बिल्डिंग की दीवार लगाकर बंद किया गया तो दूसरे छोर पर सीमेंट की एक अधूरी दीवार खड़ी कर दी। इसके बाद उक्त गली को अपने इस्तेमाल में लेना शुरू कर दिया है।