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11 साल बाद भी भैरवजी हाई फ्लड लेवल पुल अधूरा, केवल 5 पिलर बने, 3 टेढ़े हुए

Banswara
11 साल बाद भी भैरवजी हाई फ्लड लेवल पुल अधूरा, केवल 5 पिलर बने, 3 टेढ़े हुए
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राजस्थान को मध्यप्रदेश-गुजरात के बीच दूरी कम के लिए बनने वाला महत्वपूर्ण भैरवजी हाई फ्लड लेवल पुल अब भी अधूरा है। कांग्रेस की पिछली सरकार में 2012 में पुल स्वीकृत हुआ, लेकिन अब कांग्रेस दूसरी टर्म भी खत्म हो गया है।

खास बात यह है कि बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र में यह पुल आता है, जहां पिछली कांग्रेस सरकार और इस बार भी बागीदौरा से विधायक और कैबिनेट मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया है। इसके बावजूद भी पुल का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ। साल 2013 में काम भी शुरू हुआ, लेकिन निर्माण करने वाली कंपनी ने तो ढिलाई बरती, जिम्मेदार अधिकारियों ने भी इसे पूरा करवाने को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई। यही वजह है कि साल दर साल गुजरते गए, लेकिन पुल तो दूर पिलर भी पूरे नहीं हुए।

11 साल बाद भी मौके पर महज 5 पिलर ही बन पाए हैं। शर्तों के अनुसार 37.20 मीटर आकार के 9 स्पान बनाने थे। 5 पिलरों में से पिलर नंबर 2, 3 और 4 टेढ़े हो चुके हैं। उस समय 20 करोड़ का बजट मिला, लेकिन अब पूल की लागत भी 3 करोड़ रुपए बढ़ गई। पहला टेंडर मैसर्स गेनन डंकरली कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला था, काम में लापरवाही और काम धीरे होने के चलते अधिकारियों ने भी कंपनी को साल 2020 में विभागीय जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद ठेका निरस्त कर कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया, लेकिन इससे पहले अधूरा काम करने वाले ठेकेदार को 9.15 करोड़ रुपए तक का भुगतान कर दिया। अब इस पुल के निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री बजट घोषणा में भी 37 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट का भी एलान कर रखा है। जिसकी भी स्वीकृति का इंतजार है।

खास बात यह कि पहला टेंडर मिला जीडीसीएल कंपनी द्वारा किए आधे अधूरे कार्य को भी दूसरी कंपनी ने एतराज जताया। इसके बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग ने पुराने कार्यों की जांच करवाई जा रही है। जिसमें तई एक्सपर्ट ने भी माना है कि पुराना कार्य घटिया किया है, वह असुरक्षित हैं। इसके बाद अब पूरा काम ही दुबारा से करना होगा। दूसरी बार टेंडर गुजरात की मैसर्स एनर्जी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड निर्माण कंपनी को 22 करोड़ 99 लाख 88 हजार 444 रुपए की लागत से टेंडर स्वीकृत किया। गुजरात की निर्माण कंपनी को हाई लेवल पूल के निर्माण का टेंडर बीएसआर दर से 24.45 प्रतिशत ऊंची दर पर स्वीकृत किया। यानी अधिकारियों की लापरवाही भी यही रही की कंपनी द्वारा किए गए कार्यों की जांच भी ढंग से नहीं की गई।

फैक्ट फाइल: {कहां: अनास नदी (नाहली, भतार और भवानपुरा गांव के बीच) {पुल: भैरवजी हाई फ्लड लेवल पुल {बजट: 20 करोड़ रुपए शुरुआत: 6 अगस्त, 2012 भैरवजी पुल का पहला टेंडर 20 करोड़ का था​​​​​​​ 9.15 करोड़ रुपए का भुगतान किया​​​​​​​ 22.99 करोड़ रुपए का नया टेंडर​​​​​​​ अब मुख्यमंत्री ने 37 करोड़ का अतिरिक्त बजट दिया अब नए बजट के लिए फिर टेंडर होंगे। सीधी बात: उदय सिंह, एसई, पीडब्ल्यूडी Q भास्कर:11 साल बाद भी भैरवजी हाई फ्लड लेवल पूरा क्यों नहीं हुआ? A एसई: इसमें टेक्निकल समस्या है। पुराना कार्य किया गया उसमें दिक्कत हो गई। इसको लेकर एक्सपर्ट से राय ली जा रही है कि इसको ठीक किया जा सकता है या दुबारा बनाया जाए। अभी थोड़ पेंचीदा मामला है। Q भास्कर: पूल की मॉनिटरिंग करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं? A एसई: लापरवाही तो कंपनी की थी, उसको हमने पैनल्टी लगाकर ब्लैकलिस्ट कर दिया। सब चीजों का जवाब मेरे पास नहीं हैं। अधिकारी लेवल पर गड़बड़ी नहीं हुई। Q भास्कर: इस पूल का पूरा कार्य कब तक होने की उम्मीद हैं? A एसई: हम तो चाहते हैं कि जल्दी पूरा हो जाए। पुराने निर्माण के एक्सपर्ट की राय के बाद ही कुछ आगे होगा। क्योंकि पिलर टेढ़े हुए हैं, उनका कारण ही ढूंढ रहे हैं।

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