Home News Business

बांसवाड़ा से उम्मीदवार डामोर बोले-मुझे बेवकूफ बनाया:अब तीर कमान से निकल चुका है; मेरा और मेरी मां का करियर दांव पर लगाया

Banswara
बांसवाड़ा से उम्मीदवार डामोर बोले-मुझे बेवकूफ बनाया:अब तीर कमान से निकल चुका है; मेरा और मेरी मां का करियर दांव पर लगाया
@HelloBanswara - Banswara -

बांसवाड़ा लोकसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद डामोर(निष्कासित) और बागीदौरा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कपूर सिंह(निष्कासित) ने नाम वापस लेने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस ने अरविंद डामोर और कपूर सिंह को अपने सिंबल पर नामांकन कराया था। बीएपी से गठबंधन के बाद कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों से नाम वापस लेने के लिए दबाव बनाया, परंतु दोनों प्रत्याशियों ने ऐसा करने से मना कर दिया। बांसवाड़ा लोकसभा और बागीदौरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। दोनों सीटों पर भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) के साथ कांग्रेस ने गठबंधन किया है। इसके बाद कांग्रेस के ही प्रत्याशियों ने नाम वापस नहीं लिया है।

कांग्रेस ने डामोर और कपूर सिंह को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। सोमवार को दिनभर सियासी ड्रामा चलने के बाद डामोर ने कहा- कांग्रेस ने मुझे बेवकूफ बनाया। कपूर सिंह ने कहा- हम कोई मंदिर का घंटा नहीं कि कोई भी बजा जाए।

कांग्रेस के सिंबल पर ही चुनाव लड़ेंगे डामोर
आलाकमान के आदेश की अवहेलना पर डामोर को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। सोमवार को दिनभर फोन बंद रखने के बाद देर शाम को डामोर अपने घर आए। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं के खिलाफ जमकर भड़ास निकालते हुए कहा- अब तो तीर कमान से निकल चुका है। कांग्रेस के सिंबल पर ही चुनाव लडूंगा।

अरविंद डामोर ने कहा कि वे कांग्रेस के सिंबल पर ही चुनाव लड़ेंगे।
अरविंद डामोर ने कहा कि वे कांग्रेस के सिंबल पर ही चुनाव लड़ेंगे।

पहले कहा चुनाव लड़ना है
डामोर ने कहा- कांग्रेस आलाकमान को जब नाम वापस लेने को कहना ही था तो नामांकन क्यों करवाया। पहले आलाकमान का फैसला आया कि अरविंद का नामांकन करवाया जाए। स्थानीय नेता अर्जुनसिंह बामनिया ने कहा कि मैं फार्म नहीं भरना चाहता, आप भरो। नामांकन के अंतिम दिन उन्होंने कहा कि मेरे घर आओ, आपको नामांकन भरना है। नामांकन भरने के अंतिम वक्त तक कहा कि आपको खड़े रहना है, आपको चुनाव लड़ना है। पार्टी आपके साथ है। सारी तैयारी मैं कर दूंगा। आलाकमान ने गठबंधन का फैसला लिया। मैं चौरासी और सागवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में था, जहां संपर्क नहीं हो रहा था। नेटवर्क समस्या रही थी।

पार्टी अपने बयान पर स्टैंड रहे, मैं अपने बयान पर कायम हूं
कांग्रेस पार्टी के भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) को समर्थन करने पर डामोर ने कहा- पार्टी अपने बयान पर टिके रहे, मैं अपने बयान पर कायम हूं। मैंने जिस दिन नामांकन किया, उसी दिन कह दिया होता कि चुनाव नहीं लड़ना है। मैं नामांकन करता ही नहीं। मुझे क्यों बेवकूफ बनाकर अर्जुनसिंह बामनिया और जिलाध्यक्ष रमेश पंड्या ने फॉर्म भराया। मेरे 17 साल की राजनीति करियर और मां का 40 साल का राजनीतिक करियर क्यों दांव पर लगाया। मैं उन लोगों के लिए लडूंगा जो कांग्रेस विचारधारा के हैं। मैं उनके सम्मान के लिए चुनाव लडूंगा और जीत दर्ज करूंगा।

बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर अरविंद डामोर ने 4 अप्रैल को दोपहर करीब पौने 3 बजे नामांकन दाखिल किया था।
बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर अरविंद डामोर ने 4 अप्रैल को दोपहर करीब पौने 3 बजे नामांकन दाखिल किया था।

सिंबल मेरे पास, बाप पार्टी का प्रचार कैसे करेंगे
डामोर बोले कि जिलाध्यक्ष और बामनिया जी कहते हैं कि बाप पार्टी का समर्थन करेंगे, तो मैं पूछना चाहता हूं कि सिंबल तो कांग्रेस का मेरे पास है, वो बाप पार्टी का प्रचार कैसे करेंगे। क्या वो घर-घर जाएंगे और कांग्रेस को वोट मत देना ऐसा कहेंगे। अब तीर कमान से निकल चुका है। मैं डंके की चोट पर कह रहा हूं कि चुनाव लड़ूंगा।

राजनीति में साम-दाम-दंड-भेद सब चलता है
जब डामोर से पूछा गया कि चर्चा है कि आप भाजपा प्रत्‍याशी महेंद्रजीत सिंह मालवीया के इशारों पर काम कर रहे है तो डामोर ने कहा- यह राजनीति है, जिसमें साम-दाम-दंड-भेद सब चलता है। कहने वाला कुछ भी कह सकता है। वो मेरे प्रतिद्वंदी हैं, जिनके खिलाफ मैं चुनाव लड़ रहा हूं। इसलिए यह सब अफवाहें हैं।

बामनिया ने कॉल रिसीव नहीं किए
अरविंद डामोर के आरोप लगाने के बाद भास्कर ने कांग्रेस नेता अर्जुनसिंह बामनिया से उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया। उन्होंने पहले तो कुछ कॉल रिसीव नहीं किए और फिर बंद कर दिया।

मंदिर का घंटा नहीं कि कोई भी बजा जाए
इधर, बागीदौरा विधानसभा सीट के उपचुनाव में ​निष्कासित कांग्रेस प्रत्याशी कपूर सिंह ने नाम लिए बिना कहा- हमारे ही कुछ नेता पार्टी को खत्म करना चाहते हैं। पार्टी ने हमें सिंबल दिया चुनाव लड़ने के लिए। फिर नाम वापस करने का कहते हैं। हम कोई मंदिर का घंटा नहीं कि कोई भी बजा जाए। मैंने अपने आत्मसम्मान और पार्टी के सम्मान के लिए नाम वापस नहीं लिया।

शेयर करे

More news

Search
×