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जुलाई में बारिश का औसत 300MM, 141 ही हुई पिछले साल से 147 कम, फसल उत्पादन कम होगा

Banswara
जुलाई में बारिश का औसत 300MM, 141 ही हुई पिछले साल से 147 कम, फसल उत्पादन कम होगा
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वर्ष बारिश ( एमएम में) 2018 170.6 2019 133.8 2020 61.2 2021 215.3 2022 298.5 2023 288.0 2024 141.0 भास्कर संवाददाता | बांसवाड़ा इस बार मानसून की कमजोर एंट्री के कारण जुलाई में औसत 300 एमएम के मुकाबले सिर्फ 141 एमएम ही बारिश हुई। पिछले 5 वर्षों के दौरान वर्ष 2020 में जुलाई में सबसे कम 61.2 एमएम बारिश दर्ज की थी। वहीं सबसे ज्यादा 2022 में 298.5 एमएम बारिश हुई थी। इस वर्ष जुलाई में महज 141 एमएम ही बारिश दर्ज की गई, जो जुलाई की औसत 300 के मुकाबले 159 एमएम बारिश कम है। कृषि ( विस्तार) विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. दलीप सिंह ने बताया कि 1 जून से 31 जुलाई तक औसत 302.90 एमएम बारिश हो चुकी है। जिले में लक्ष्य 2,39,050 हैक्टेयर की तुलना में 2,26,760 हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है, जो 94.85 प्रतिशत है। कृषि अनुसंधान केंद्र बोरवट के संभागीय निदेशक अनुसंधान डॉ. हरगिलास ने बताया कि इस बार बारिश ने पैटर्न बदला है। जिले में शनिवार को दिन में बारिश का दौर जारी रहा। जिससे मौसम सुहाना हो गया। दिन में और रात में गर्मी और उमस का असर बिल्कुल समाप्त हो गया है। कलेक्ट्रेट स्थित नियंत्रण कक्ष के अनुसार शनिवार को दिन में बांसवाड़ा में 48 एमएम, केसरपुरा 41, दानपुर 45, घाटोल 27, भूंगड़ा 25, जगपुरा 32, गढ़ी 15, लोहारिया 14, अरथूना 36, बागीदौरा 20, शेरगढ़ 11, सल्लोपाट 8, कुशलगढ़ 1, सज्जनगढ़ में 8 एमएम बारिश दर्ज की है। 1 जून से लेकर 2 अगस्त तक जिले में हुई बारिश का आैसत 346.4 एमएम रहा है। मौसम विज्ञान विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. हिमांशु शर्मा ने बताया कि झारखंड के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र शनिवार को तीव्र होकर डीप डिप्रेशन में परिवर्तित हो चुका है। जिसके आगे बढ़ने से 4 और 5 अगस्त को जिले में कहीं-कहीं तेज और भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं 3 अगस्त तक 30 एमएम बारिश हो चुकी है। इधर, माही बांध का जलस्तर 281.50 की तुलना में 271.05 मीटर दर्ज किया। कृषि अनुसंधान केंद्र बोरवट के संभागीय निदेशक अनुसंधान डॉ. हर गिलास ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से अरब सागर से सक्रिय होने वाले मानसून तंत्र के कम सक्रिय होने से जिले में कम बारिश हो रही है। पश्चिमी-दक्षिणी गर्म हवा का असर भी इसका एक कारण माना जा सकता है, जिससे मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों से बंगाल की खाड़ी से सक्रिय होने वाले मानसून तंत्र के प्रभाव से ही जिले में बारिश हो रही है।

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