भ्रष्टाचार निरोधी दिवस आज: ACB ने 3 रिमाइंडर भेजे, पर 93 अफसर व 465 कर्मियों पर केस की मंजूरी नहीं
राज्य सरकार 9 दिसंबर काे भ्रष्टाचार निराेधी दिवस मना रही है। लाेगाें काे यह बताया जा रहा है कि कैसे भ्रष्टाचार काे सहन नहीं करके भ्रष्टाचारियाें काे जेल पहुंचाना है। दूसरी ओर, कड़वा सच यह है कि सरकार खुद सालाें पहले भ्रष्टाचार के मामलाें में पकड़े गए अफसराें और कर्मचारियाें पर केस चलाने के लिए भ्रष्टाचार निराेधक ब्यूराे (एसीबी) काे अभियाेजन स्वीकृति नहीं दे रही है।
31 अक्टूबर 2024 की एसीबी की एक ताजा रिपाेर्ट के अनुसार राजस्थान में ऐसे 558 मामलाें में अभियाेजन स्वीकृति छह महीने से लेकर अधिकतम 16-16 साल से पेंडिंग हैं। इनमें 93 मामले कार्मिक और 465 मामले 52 विभागाें के पास अलग-अलग स्तर पर पेंडिंग है। 93 मामले अफसराें के कार्मिक विभाग के पास पेंडिंग हैं। इनमें आईएएस, आईपीएस, आररएस, आरपीएस, डॉक्टर सहित कई अधिकारी हैं। सबसे अधिक स्थानीय निकाय विभाग के 114 और पंचायजीराज विभाग के 88 मामले पेंडिंग हैं। एसीबी कई मामलाें में 2-2 और 3-3 बार रिमाइंडर विभागाें काे भेज चुकी है लेकिन उनके अफसर अभियाेजन स्वीकृति नहीं दे रहे हैं।
8 मामले : बाल अधिकारिता, काेष एवं लेखा और सहकारिता। 7 मामले : परिवहन विभाग। 6 मामले: शिक्षा, सीजीएसटी। 5 मामले : आबकारी, श्रम एवं काैशल, पीडब्ल्यूडी।
1 मामला : गृह रक्षा, डेयरी, केंद्रीय समाज कल्याण बाेर्ड, बीवीजी, आयकर, बैंक, दी ओरियंटल इंश्याेरेंस, एसबीआई इंश्याेरेंस कंपनी, ईपीएफओ, कर्नाटक पुलिस, बंगाल पुलिस, आरएसआरडीसी, खादी।
2 मामले: यूडीएच, रसद, नारकाेटिक्स, गुजरात पुलिस, उप निवेशन, काॅलेज शिक्षा, जलदाय और यूआईटी।
3 मामले: सेलटैक्स, पंजीयन-मुद्रांक, उद्याेग, राेडवेज, रेलवे, महाराष्ट्र पुलिस।
4 मामले: खनिज, महालेखा, एक्स सर्विसमैन काॅर्पाेरेशन, जल ग्रहण विकास एवं भू प्रबंधन और विश्वविद्यालय।
कई अफसर रिटायर हाे गए फिर भी मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी
- खनिज निदेशक डीएस मारु और तत्कालीन अतिरिक्त निदेशक पंकज गहलोत पर पद दुरुपयाेग का मामला 23 मई 2019 काे दर्ज हुआ था। 24 अगस्त 2022 काे अभियाेजन स्वीकृति के लिए भेजा। 27 अप्रैल और 17 नवंबर 2023 काे रिमाइंडर पत्र भेजे। दाेनाें सेवानिवृत्त हाे चुके हैं।
- जालाैर जिला परिषद के एसीईओ भैरूलाल के खिलाफ 31 दिसंबर 2008 काे पद के दुरुपयाेग का मामला दर्ज किया। 23 फरवरी 2023 काे अभियाेजन स्वीकृति के लिए फाइल भेजी और 28 जुलाई 2023 काे इस पर विचार विमर्श भी हुआ था। 93 मामलाें में से यह सबसे पुराना है।
- प्राविधिकी शिक्षा प्रशिक्षण जाेधपुर निदेशालय के उप निदेशक नसरुद्दीन पठान के खिलाफ 3 फरवरी 2011 काे पद के दुरुपयाेग का मामला दर्ज हुअा। फाइल 29 मार्च 2023 काे अभियाेजन स्वीकृति के लिए भेजी गई थी।
एक्सपर्ट व्यू - 3 महीने में अभियाेजन स्वीकृति देनी है, लेकिन पालना नहीं हाेती किसी भी भ्रष्ट कर्मचारी और अधिकारी पर मामला दर्ज करने के बाद एसीबी को न्यायालय में चालान पेश करना होता है। अभियोजन स्वीकृति के बगैर एसीबी चालान पेश नहीं कर पाती है। पीसी एक्ट की धारा 19 के तहत न्यायालय में चालान पेश करने के लिए सरकार से लिखित में अनुमति लेनी पड़ती है। कई बार अलग-अलग न्यायालयों ने अभियोजन स्वीकृति में देरी पर नराजगी भी जताई। राजस्थान के मुख्य सतकर्ता आयुक्त ने सभी विभागों के एचओडी को पत्र लिखकर अधिकतम 3 महीने में अभियोजन स्वीकृति देने के आदेश भी दिए हुए हैं लेकिन पालना नहीं हो रही है।