पालोदा में 16 बीघा जमीन आवंटित, लेकिन अब तक समतलीकरण नहीं
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जनप्रतिनिधियों ने चुनाव से पहले किए वादे पर अब तक अमल नहीं किया
गढ़ी उपखंड के पालोदा कस्बे की आबादी 8640 है, जो पांच किमी दायरे में फैला हुआ है, लेकिन यहां युवाओं के लिए खेल मैदान ही नहीं है। कस्बे में पेयजल वॉल्टेज, तालाब के सौंदर्यीकरण समेत कई समस्याओं का समाधान नहीं होने से युवाओं में आक्रोश है। सबसे ज्यादा नाराजगी युवाओं में है क्योंकि पिछले लंबे समय से गांव के युवा खेल मैदान के लिए तरस रहे हैं, लेकिन उनकी उम्मीदों पर कोई भी जनप्रतिनिधि खरा नहीं उतर पा रहा। कस्बे में दो खेल मैदान के लिए 16 बीघा जमीन तक आवंटित की जा चुकी है। यहां के कई खिलाड़ियों ने बास्केटबॉल, वाॅलीबॉल समेत अन्य खेलों में मेडल जीते हैं। इसके बावजूद पालोदा में खेलने के लिए एक भी ढंग का मैदान नहीं है। बालिका हॉस्टल के पास लगभग 12 बीघा जमीन खेल मैदान के लिए आवंटित है। इसके अलावा उनेर खेल मैदान के लिए भी लगभग 4 बीघा की जमीन आरक्षित की गई है। इसके अलावा कुछ ग्रामीण अपने खातेदारी की जमीन भी उनेर खेल मैदान के लिए देने को तैयार हैं लेकिन ग्राम पंचायत एवं प्रशासन की बेरुखी के चलते युवाओं को खेल मैदान उपलब्ध नहीं हो रहा। हंसमुख, मनोज, रवि, मयंक, मनीष आदि ने बताया कि सरपंच के चुनाव के दौरान दोनों प्रतिनिधि शंकरलाल खराड़ी व शंकरलाल मईड़ा ने युवाओं के लिए खेल मैदान बनाने का वादा किया था। चुनाव होने और जीतने के बाद सरपंच अपने किए गए वादे को भूल गए। इसके अलावा पालोदा में पेयजल की प्रमुख समस्या है। कस्बे वासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा। कई बार नलों में गंदा बदबूदार पानी सप्लाई होता है, जिसके कारण ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। इसके अलावा गांव में वोल्टेज की भी काफी समस्या है, कम वॉल्टेज के चलते विद्युत उपकरण सही तरीके से काम नहीं करते, जिससे लोगों को परेशानी होती है। जिला परिषद सदस्य देवेंद्र त्रिवेदी ने पेयजल व वॉल्टेज की समस्या का समाधान करने के लिए दोनों विभागों को पत्र भी लिख चुके हैं, लेकिन अब तक समस्या से निजात नहीं मिली।