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समय पूरा होने के बाद भी स्टेट हाइवे-32 पर हो रही थी टोल वसूली, तीन साल में 30 करोड़ कमाए, आज से तीनों टोल बंद

Banswara
समय पूरा होने के बाद भी स्टेट हाइवे-32 पर हो रही थी टोल वसूली, तीन साल में 30 करोड़ कमाए, आज से तीनों टोल बंद
@HelloBanswara - Banswara -

बांसवाड़ा से सलूंबर तक स्टेट हाइवे-32 पर अब से टोल नहीं देना होगा। टोल बूथ बंद करने के लिए संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने निर्देश दिए हैं। संभागीय आयुक्त ने बताया कि टोल संचालन के लिए कंपनी के पास कोई अधिकार नहीं है। कोरोनाकाल में उन्हें स्टे मिला होगा, लेकिन अभी उनके पास संचालन का अधिकार नहीं है।

इसको लेकर ट्रक, बस, ट्रांसपोर्ट, टैक्सी और कार यूनियन की ओर से लगातार शिकायतें आ रही थी। इसके बाद संबंधित कंपनी से वसूली करने के दस्तावेज मांगे गए तो उनके पास अधिकार नहीं होना पाया। इस पर टोल वसूल बंद करने के आदेश दिए। इधर, बांसवाड़ा जिला ट्रक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजपाल सिंह सिसोदिया ने बताया कि जेवीएच कंपनी ने बड़लिया, पाटिया-वमासा मोड़ और खोलड़ी में टोल बूथ लगा रखे हैं। यह तीनों बहुत कम दूरी पर हैं, जो नियम विरूद्ध है। बुधवार को संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने जांच कर बांसवाड़ा जिला ट्रक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के सदस्यों व टोल नाका मालिक की मौजूदगी में तत्काल टोल वसूली बंद करने के निर्देश दिए हैं।

सिसोदिया ने बताया कि उच्च न्यायालय ने 2 साल पहले से टोल हटाने का निर्देश दे दिया था, उसके बावजूद भी जबरन टोल वसूला जा रहा था। इस दौरान प्रफुल्ल दक, देवीशंकर, राजकुमार जैन, मोहनलाल, आत्माराम, रामसिंह चौहान, पुरण, ओमप्रकाश जोशी, प्रवीण सिंह राठौड़, परवेज खान व नबाव फौजदार उपस्थित थे। सभी ने टोल वसूली बंद करने के लिए संभागीय आयुक्त का आभार जताया। बिल्ड ऑपरेट एंड ट्रांसपोर्ट स्कीम के तहत बांसवाड़ा से सलूंबर स्टेट हाइवे-32 पर 15 अगस्त 2012 को तीनों टोल शुरू किए थे। इनकी समयावधि 6 जुलाई 2021 में ही पूरी हो चुकी थी लेकिन कोरोनाकाल के दौरान टोल वसूली बंद रहने के कारण जेवीएच कंपनी ने करीब 20 करोड़ रुपए का नुकसान होने का दावा किया। ट्रांसपोर्टर के अनुसार इस हिसाब से अब तक 30 करोड़ से ज्यादा की कमाई जेवीएच कंपनी कर चुकी है। जो उसके नुकसान से 10 करोड़ ज्यादा है। अभी यह मामला जयपुर में आरबीटेशन (वाणिज्य कोर्ट) में है। इन टोल से रोज लगभग 3 लाख रुपए की इनकम है। सुनवाई 13 अगस्त को है। कोई फैसला नहीं आया इसके बावजूद इस बहाने से कंपनी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की मिलीभगत से टोल वसूल कर रही थी। पीडब्ल्यूडी के अधिकारी भी मिलीभगत के कारण कोर्ट में मजबूत पैरवी नहीं कर रहे थे। बांसवाड़ा से सलूंबर के बीच 87 किलोमीटर की दूरी में 3 टोल बूथ हैं। जिसमें से बांसवाड़ा जिले की सीमा में बांसवाड़ा संभाग मुख्यालय से 12 किलोमीटर की दूरी पर बड़लिया गांव में पहला, बड़लिया से 40 किलोमीटर दूर लसाड़ा माही पुल के बाद डूंगरपुर जिले की सीमा में पाटिया-वमासा मोड़ के समीप दूसरा और यहां से 36 किलोमीटर आगे सलूंबर जिले की सीमा में खोलड़ी गांव में तीसरा टोल बूथ है। जबकि इतनी दूरी में दो ही टोल बूथ होना चाहिए। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के नोटिफिकेशन के अनुसार दो टोलों के बीच की दूरी 60 किलोमीटर होना अनिवार्य है। { बांसवाड़ा से बड़लिया- 12 किमी { बड़लिया- वमासा मोड़-40 किमी { वमासा मोड़ से खोलड़ी - 36 किमी 3 2 1

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