सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा जिले में संचालित 25 राजकीय एवं 5 अनुदानित छात्रावासों में नवीन शैक्षणिक सत्र 2021-22 में प्रवेश के लिए 7 जुलाई से ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। सहायक निदेशक हेमांगी निनामा ने बताया कि विभागीय छात्रावासों में प्रवेश के ऑनलाइन आवेदन पत्र एसएसओ डॉट जीओवी डॉट के माध्यम से एसजेएमएस डॉट राजस्थान डॉट इन पर आमंत्रित किए गए हैं। छात्रावासों व आवासीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदित नवीन विद्यार्थियों को प्रवेश के लिए ई-मित्र कियोस्क, साइबर कैफे, निजी इन्टरनेट आदि के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। प्रवेश के लिए विद्यार्थी राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए। आवासीय विद्यालयों एवं छात्रावासों में प्रवेश के लिए कक्षा 6 से 12 में अध्ययनरत छात्र-छात्रा को प्रवेश देय है। छात्रावास प्रवेश के लिए प्रथम वरियता संबंधित वर्ग के बीपीएल परिवार के छात्र-छात्रा को दी जाएगी। छात्र-छात्रा के परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रवेश के लिए ई-मेल आईडी मोबाइल नम्बर, आधार नम्बर, यू आई डी अथवा ई.आई.डी रसीद, जन आधार कार्ड अथवा मूल निवास प्रमाण पत्र, गत वर्ष की अंकतालिका, जाति प्रमाण पत्र, बीपीएल प्रमाण पत्र (केवल बीपीएल), निःशक्त प्रमाण पत्र (केवल विधवा के बालक/बालिका के लिए), पति का मृत्यु प्रमाण पत्र (विधवा आवेदकों के लिए), राजस्थान के निष्क्रमणीय पशुपालक होने का प्रमाण पत्र (केवल निष्क्रमणीय पशुपालकों के आवासीय विद्यालय के लिए) एवं राज्य के भिक्षावृति एवं अवांछित वृत्तियों के लिप्त परिवार होने का प्रमाण पत्र (केवल भिक्षावृति या अवांछित वृत्तियों के लिए लिप्त परिवारों के आवासीय विद्यालय के लिए) की स्वप्रमाणित स्केन प्रति संलग्न करनी होगी। प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन 7 जुलाई से ऑनलाइन पोर्टल पर प्रारंभ किए गए हैं तथा 2 सितम्बर-2021 तक विद्यालय एवं महाविद्यालय स्तरीय छात्रावास में प्रवेश के लिए ऑनलाइन पोर्टल खुला रहेगा।
1 से 8वीं तक बिना टीसी के मिलेगा प्रवेश
प्रदेश के किसी भी स्कूल में अब एडमिशन के लिए ट्रांसफर सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी। न सिर्फ टीसी बल्कि किसी अन्य डॉक्यूमेंट के बिना भी स्कूल में एडमिशन मिल जाएगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी की ओर से जारी किए आदेश के बाद निजी स्कूल के संचालकों में हड़कंप मच गया है। उन्हें भय है कि बिना फीस जमा कराए ही उनके स्टूडेंट्स अब दूसरे निजी या सरकारी स्कूल में चले जाएगे। ऐसे में फीस के बकाया रुपए डूबने तय हैं। दरअसल, माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने अपने आदेश में कक्षा एक से आठ तक के स्टूडेंट्स को बिना टीसी और अन्य दस्तावेजों के बिना ही अस्थायी प्रवेश देने के आदेश दिए हैं। इस आदेश में शिक्षा का अधिकार कानून का हवाला देते हुए बच्चों को औपचारिक शिक्षा से जोड़ने की बात कही गई है।