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10वीं में 50 फीसदी तो 12वीं में 60% से कम परीक्षा परिणाम पर कार्रवाई, 90 फीसदी को माना श्रेष्ठ

Banswara
10वीं में 50 फीसदी तो 12वीं में 60% से कम परीक्षा परिणाम पर कार्रवाई, 90 फीसदी को माना श्रेष्ठ
@HelloBanswara - Banswara -

संस्थाप्रधानों और बोर्ड कक्षाओं को पढ़ाने वाले शिक्षकों के परिणाम को लेकर शिक्षा विभाग ने सख्ती बरतने व रैंकिंग तय करने का काम शुरू कर दिया है। शिक्षा विभाग ने बांसवाड़ा सहित प्रदेश के 19 हजार से अधिक सेकेंडरी व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम की जानकारी मांगी है। इसके साथ ही इन कक्षाओं को पढ़ाने वाले करीब एक लाख शिक्षक-व्याख्याताओं को भी अपने परिणाम की जानकारी देनी होगी।

16 नवंबर तारीख तय की है। इसके बाद संस्था प्रधानों के खिलाफ कार्रवाई होगी। परिणाम न्यून वाले संस्था प्रधान और शिक्षकों नोटिस जारी किया जाएगा। आदेश को लेकर शिक्षकों का कहना है कि विभाग द्वारा न्यून परीक्षा परिणाम पर हर वर्ष कार्रवाई की जाती है, लेकिन 36.85% रिक्त पदों के बावजूद श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों को सम्मानित नहीं किया जाता है। राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम के प्रदेश प्रशासनिक अध्यक्ष सियाराम शर्मा का कहना है कि आखिरी बार 2007-08 में श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम पर सम्मानित किया था। सत्र 2023-24 में 10वीं और 12वीं में अध्यापन कराने वाले अध्यापकों, व्याख्याताओं और संस्थाप्रधानों के प्रमाणिक बोर्ड परीक्षा परिणाम को 16 नवंबर तक शाला दर्पण पोर्टल पर रिजल्ट टैब पर प्रविष्ट करना है। प्रविष्ट करने के बाद इसको लॉक किया जाए। विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि 16 तक रिजल्ट अपलोड नहीं करने वाले स्कूलों के संस्थाप्रधानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

संस्था प्रधान को 10वीं का परिणाम 50% या इससे कम और 12वीं का परिणाम 60% या इससे कम होने पर नोटिस मिलेगा। इसी तरह से 12वीं कक्षा को पढ़ाने वाले शिक्षक का उसके विषय का परिणाम 70 % या इससे कम और 10वीं कक्षा के शिक्षक का उसके विषय का परिणाम 60% या इससे कम होने पर नोटिस मिलेगा। संस्थाप्रधानों का 90 फीसदी या इससे अधिक परिणाम होने पर श्रेष्ठ माना जाएगा। जबकि 10वीं और 12वीं के शिक्षकों के 100 फीसदी परिणाम को श्रेष्ठ माना जाएगा। 2008 से पहले 80 प्रतिशत से अधिक परीक्षा परिणाम को श्रेष्ठ माना जाता था।

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