5 साल पुराने मारपीट के प्रकरण में अाराेपी काे 10 साल की कैद, डूंगर से की थी मारपीट, दाे अाराेपियाें की पहले हो चुकी है हत्या
बांसवाड़ा| जमीन विवाद में मारपीट के पांच साल पुराने प्रकरण में विशेष अदालत ने अाराेपी काे 10 साल की कठाेर कैद अाैर 5 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। शहर निवासी नरेश कुमार ने 8 जून, 2015 काे काेतवाली में रिपाेर्ट दी थी कि जिसमें अाराेप लगाय था कि वारदात के दिन सुबह वह घर पर था।
उसने पिता डूंगर की चीखें सुनी। जिस वह राजतालाब गया। जहां देखा की 2-3 जने उनसे मारपीट कर रहे थे। नरेश काे देख वह वहां से भाग छूटे। पिता के सिर में चाेट लगी थी, जिससे वह गश खाकर नीचे गिर पड़े। इस पर वह उन्हें अस्पताल ले गया। रिपाेर्ट पर पुलिस ने शरीफ अहमद, शफीक अहमद अाैर कदिर अहमद के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया था। दाेनाें पक्षाें काे सुनने के बाद पीठासीधन अधिकारी विशिष्ट काेर्ट ने विभिन्न धाराअाें में सजा सुनाई। विशिष्ट लाेक अभियाेजक गिरीश डांगर ने बताया कि मामला एससी/एसटी का नहीं पाया गया। प्रकरण में अाराेपी शरीफ अाैर शहीद की पहले ही साल 2018 में हत्या हो चुकी है। तीसरे अाराेपी उनके भाई कदिर काे दाेषी मानते हुए अाईपीसी की धारा 341 में एक महीने की साधारण कैद अाैर जुर्माना, धारा 323 (34) में एक साल की कैद अाैर जुर्माना तथा धारा 307 (34) में दाेषी मानते हुए 10 साल की कठाैर कैद अाैर 5 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। ज्ञातव्य हाे कि अाराेपी मृतक शब्बीर का पुत्र है। इस केस के दाेनाें अाराेपी शरीफ अाैर शहीद की 1 सितंबर, 2018 काे एमजी अस्पताल में हत्या कर कर दी गई थी। इस दिन उनके पिता शब्बीर समेत इन दाेनाें भाइयाें की निर्मम हत्या हुई थी। इस हत्याकांड में पन्नालाल सरगड़ा अाैर उसके बेटे अाराेपी है। पन्नालाल की पिछले दिनाें गाेली मारकर हत्या कर दी गई। जिस डूंगर के साथ मारपीट में यह फैसला सुनाया गया है वह पन्नालाल का ही भाई है। दाेनाें ही पक्षाें में पुराना जमीन विवाद है।