चाचाकोटा को देखकर कहा - ‘राजस्थान में ऐसा स्थान......अविश्वसनीय है। ’’

कोटा के ‘परिंदों का सफर’ पहुुंचा बांसवाड़ा
जिले के पर्यटन स्थलों को देख अभिभूत हुआ पर्यटक समूह
Banswara September 09, 2018 राजस्थान की पहचान अब तक रेगिस्तान से मानते है.....यहां पर कश्मीर की भांति इतनी सारी हरियाली और समंदर की माफिक इतना सारा पानी.....वास्तव में राजस्थान में ऐसा स्थान अविश्वसनीय ही लगता है। जिले के चाचाकोटा पर्यटन स्थल पर कुल्लू मनाली सी हरीभरी घाटियों को देखने के बाद यह कहना था कोटा से शनिवार को पहुंचे ‘परिंदों का सफर’ समूह के सदस्यों का।
सिटी ऑफ हण्ड्रेड आईलेण्ड्स के नाम से प्रसिद्ध बांसवाड़ा को पर्यटन मानचित्र पर स्थान दिलाने के लिए प्रारंभ किए गए जिला कलक्टर भगवतीप्रसाद के ‘मिशन पर्यटन’ के तहत जिला प्रशासन व पर्यटन समिति के विशेष आमंत्रण पर राजस्थान पर्यटन से जुड़े समूह ‘परिंदों का सफर’ के 28 सदस्य शनिवार को बांसवाड़ा की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे।
पिछले कई वर्षों से राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहे ‘परिंदों का सफर’ के सारांश रामावत ने बताया कि समूह द्वारा बांसवाड़ा जिले के पर्यटन स्थलों को पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के उद्देश्य से पहुंचे इस समूह में अधिकांश लोग फोटोग्राफी, विडियोग्राफी, ब्लॉगिंग, पत्रकारिता और पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हुए है और ये अनुभवी लोग इस जिले के पर्यटन स्थलों के सौंदर्य को अपने कौशल के जरिये पर्यटन मानचित्र पर उभारने का प्रयास करेंगे।
आज सुबह सर्किट हाउस में पर्यटन उन्नयन समिति के संरक्षक जगमालसिंह, समिति सचिव हेमांग जोशी, सदस्य व जनसंपर्क उपनिदेशक कमलेश शर्मा, मुजफ्फर अली, अमन जैन, भंवरलाल गर्ग आदि ने स्वागत किया और जिले के पर्यटन स्थलों के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रदान की। शताब्दी ट्रावेल्स से पहुंचे समूह सदस्यों के पहले दिन का सफर भी शताब्दी ट्रावेल्स कार्यालय से प्रारंभ हुआ जहां पर सभी सदस्यों का संस्थान के मुजफ्फर अली ने स्वागत किया। इस मौके पर लिओ कॉलेज निदेशक मनीष त्रिवेदी सुश्री मालिनी काले, आदित्य काले और समिति के कई सदस्य मौजूद थे।
इसके बाद इस समूह ने कड़ेलिया फॉल, गैमन पुल, जुआ फॉल, कागदी पिक अप, आनंद सागर झरना, बाई तालाब, चाचा कोटा और श्रीगढ़ पैलेस को देखा। यहां पर पर्यटन समिति सदस्यों ने सदस्यों को पर्यटन स्थलों का अवलोकन कराया और इनके बारे में तथ्यात्मक जानकारी दी।
सोचा उससे सौ गुना बेहतर दिखा बांसवाड़ा: सारांश
समूह के सारांश रामावत का कहना था कि यात्रा से पूर्व बांसवाड़ा को चौथे विकल्प पर रखा गया था परंतु जब इंटरनेट पर बांसवाड़ा की इमेज सर्च की तो यह अद्भुत दिखा, इसको पहले विकल्प पर रखकर जब आज सुबह यात्रा शुरू की तो जितना हमने सोचा था उससे सौ गुना बेहतर दिखा बांसवाड़ा। सारांश का कहना था कि यदि किसी की आंख पर पट्टी बांधकर लाए और चाचाकोटा या किसी अन्य पर्यटन स्थल पर छोड़ दें तो उसे विश्वास ही नहीं होगा कि यह राजस्थान का ही हिस्सा है।
केरल इज़ गॉड्स ऑन कंट्री, बांसवाड़ा इज नॉट लेस: प्रीति मुर्डिया
परिंदों का सफर समूह के साथ पहुंची एसबीआई पीआरओ तथा बर्डवॉचर प्रीति मुर्डिया का कहना था कि करेल के बारे में कहा जाता है कि ‘केरल इज़ गॉड्स ऑन कंट्री......पर बांसवाड़ा इज़ नॉट लेस’ अर्थात केरल भगवान का खुद का देश है पर बांसवाड़ा भी इससे कम नहीं है। यहां की हरियाली को देखकर बड़ा सुकून प्राप्त होता है, प्रशासन को चाहिए कि इसे संभाले।
मिनी शिमला है आपका बांसवाड़ा तो: पूजा भाटी
कोटा थर्मल पावर स्टेशन में कनिष्ठ अभियंता पर पर कार्य कर रही बर्डवॉचर पूजा भाटी का कहना था कि प्रकृति ने बांसवाड़ा को वरदान दिया है। हमें यह पता था कि यह ट्राईबल इलाका है परंतु हमें यह नहीं पता था कि यहां इतनी हरी-भरी घाटियां, झरने और पक्षियों की इतनी सारी प्रजातियां देखने को मिलेंगी। वास्तव में आपका बांसवाड़ा तो मिनी शिमला है।
मेरी फैमिली को तो हेवलॉक आईलेण्ड नहीं बांसवाड़ा लाउंगी: गरिमा सक्सेना
समूह की सदस्य गरिमा सक्सेना का कहना था कि बांसवाड़ा बड़ा मिस्टीरियस सा नाम है। इंटरनेट पर सर्फिंग दौरान बांसवाड़ा के बांस से नामकरण की जानकारी मिली। आईलेण्ड्स के बारे में भी जानकारी मिली परंतु लगा नहंी कि कुछ ऐसा मिलेगा। अब तक राजस्थान में रेगिस्तान देखा, कोटा में पानी देखा परंतु बांसवाड़ा में इतना सारा पानी व आईलेण्ड्स देखना अद्भुत ही है। मैं तो अपनी फैमेली को अण्डमान निकोबार के हेवलॉक आईलेण्ड्स दिखाने के स्थान पर यहां पर लाना पसंद करूंगी।
बहुत खुबसूरत है बांसवाड़ा:
समूह की नम्रता भास्कर और हर्षित सुमन ने कहा कि उसने बांसवाड़ा का नाम पहली बार सुना परंतु इसे देखने के बाद वह इस नाम को कभी नहीं भूलेगी। इसी प्रकार हर्षित शर्मा और वयोवृद्ध फोटोग्राफर डी.के.शर्मा का कहना था कि प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से बांसवाड़ा बहुत ही समृद्ध है।
चाचाकोटा बनें राजस्थान ट्यूरिज्म का आईकन: प्रतीक विजय
कोटा के ख्यातनाम फोटोग्राफर प्रतीक विजय व कृष्णा गोचर का कहना था कि राज्य सरकार ने कोटा के गराड़िया महादेव को राजस्थान पर्यटन का आईकन बनाया गया है परंतु इसके स्थान पर चाचाकोटा को बनाया जाना चाहिए। यहां की खुबसूरती वास्तव में अनोखी है।
पर्यटन स्थलों का बनेगी डॉक्यूमेंटरी, प्रदर्शनी में होगा चित्रों का प्रदर्शन:
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद ने बताया कि ‘परिंदों का सफर’ के सदस्यों द्वारा बांसवाड़ा के पर्यटन प्रमोशन के लिए यहां के भ्रमण के दौरान फोटोग्राफी व विडियोग्राफी की जाएगी तथा इस पर एक शॉर्ट डॉक्यमेेंटरी फिल्म तैयार की जाएगी जिसे राजस्थान पर्यटन विभाग की वेबसाईट के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित-प्रसारित किया जाएगा। इसके साथ ही यहां पर लिए गए फोटोग्राफ्स से संबंधित एक प्रदर्शनी का आयोजन कोटा की आर्ट गैलरी में 14 से 16 सितंबर तक किया जाएगा।
आज इन स्थानों पर पहुंचेगा ‘परिंदों का सफर’:
सारांश रामावत ने बताया कि रविवार को ‘परिंदों का सफर’ सुरवानिया डेम, घोटिया आंबा, बागीदौरा होते हुए नौगामा के झोल्ला फॉल पहुंचेगा तथा यहां से मानगढ़, अरथुना, भीमकुण्ड, रामकुण्ड होते हुए त्रिपुरा सुंदरी व बांसवाड़ा में खत्म होगा।