डॉ. राजेश जोशी व निकुंज मोहन पंड्या को संस्कृत विद्वान सम्मान

संस्कृत दिवस पर राज्य स्तरीय विद्वत सम्मान समारोह संपन्न
विधानसभा अध्यक्ष एवं उच्च शिक्षा मंत्री ने बांसवाड़ा के दो विद्वानों का किया सम्मान
डॉ. राजेश जोशी व निकुंज मोहन पंड्या को संस्कृत विद्वान सम्मान
Banswara August 25, 2018 संस्कृत शिक्षा निदेशालय राजस्थान जयपुर की ओर से संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय विद्वत सम्मान समारोह उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में विधानसभाध्यक्ष कैलाश मेघवाल के मुख्य आतिथ्य व उच्च, तकनीकी एव संस्कृत शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में संस्कृत के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए बांसवाड़ा जिले के दो संस्कृत विद्वानों के साथ 30 व्यक्तियों को विविध पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
देवी त्रिपुरा पर शोध ने डॉ. जोशी को दिलाया गौरव:
इस राज्य स्तरीय समारोह में मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल व संस्कृत शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने गोविंद गुरु कॉलेज के एसोसियेट प्रोफेसर डॉ. राजेश जोशी को संस्कृत विद्वान सम्मान प्रदान किया। जोशी को इस सम्मान के तहत 31 हजार रुपये का पुरस्कार, स्मृति चिह्न व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। जिले के बड़ोदिया गांव के निवासी और बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. राजेश जोशी को यह सम्मान सुदीर्घ काल तक संस्कृत भाषाओं की विशिष्ट सेवाओं के साथ जिले के प्र्रमुख शक्तिपीठ त्रिपुरा सुंदरी मंदिर पर किए गए उनके शोध व उनके तीन वर्षों की मेहनत के बाद लिखी गई पुस्तक ‘मां त्रिपुरा सुंदरी साधना और स्रोत’ के प्रकाशन के लिए प्रदान किया गया। डॉ. जोशी ने अपने शोध में देवी त्रिपुरा संुदरी के बारे में बताया था कि कनिष्क काल में बने मंदिर में मां त्रिपुरा की प्रतिमा में 10 महाविद्या और श्रीयंत्र का विशेष महत्त्व है। शास्त्रों के अनुसार त्रिपुरा संुदरी की प्रतिमा का स्वरूप् थोड़ा अलग है और यहां की प्रतिमा थोड़ी विभिन्न स्वरूप लिए हुए है। यह ध्यान और साधना की देवी श्रीयंत्र पर विराजमान है। उनके अनुसार श्रीयंत्र के बगैर मां त्रिपुरा का स्वरूप पूरा नहीं हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि डॉ. राजेश जोशी को हाल ही में उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की ओर से भी गुरुकुल प्रभात आश्रम भोलाझाल मेरठ में आयोजित ‘शतपथ ब्राह्मण में वर्णित विविध विद्याएं’ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय वैदिक संगोष्ठी में भाग लेकर पत्रवाचन करने पर सम्मानित किया गया था।
देवी त्रिपुरा की सेवा पर पंडित निकुंज मोहन पण्ड्या को मिला सम्मान:
इसी प्रकार राज्य स्तरीय समारोह में मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल व संस्कृत शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने त्रिपुरा संुदरी मंदिर के पुरोहित व देवलिया उच्च माध्यमिक विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक पं. निकुंज मोहन पण्ड्या को भी संस्कृत विद्वान सम्मान प्रदान किया। पण्ड्या को इस सम्मान के तहत 31 हजार रुपये का पुरस्कार, स्मृति चिह्न व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। पण्ड्या को यह सम्मान वेद व दुर्गा सप्तशती परायण, श्री महाविद्या उपासना, पारायण मंत्र, तंत्र और देवी तीर्थ त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में पिछले तीन दशक से नियमित पूजा पाठ, साधना व सेवा कार्यों के लिए अपनी प्रभावी सहभागिता के लिए प्रदान कियागया।
मुख्यमंत्री के संदेश का पठन
समारोह के दौरान मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की ओर से आयोजन की शुभकामनाओं सहित संस्कृत भाषा में प्रेषित किए गए संदेश का वाचन जयपुर से आए मुकेश शर्मा ने किया। इस संदेश में संस्कृत शिक्षा विभाग की ओर से प्रत्येक श्रावणी पूर्णिमा पर प्रकाशित होने वाली श्रावणी पत्रिका के लिए भी मुख्यमंत्री ने बधाई दी एवं आयोजन की सराहना की।