राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती चतुर्वेदी, कमेटी का गठन किया, रिपोर्ट देने के निर्देश

राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती चतुर्वेदी का बांसवाड़ा दौरा
बच्चों से जुड़े मुद्दों पर ली अधिकारियों व एनजीओ की बैठक, दिए महत्त्वपूर्ण निर्देश
Banswara October 13, 2017 राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती मनन चतुर्वेदी शुक्रवार को बांसवाड़ा जिले के दौरे पर रही। इस दौरान उन्होंने यहां सर्किट हाउस में बच्चों से जुड़े मुद्दों पर संबंधित विभागीय अधिकारियों और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक ली तथा खुलकर बात करते हुए कहा कि सबको समन्वय स्थापित करते हुए बच्चों के हितों के लिए कार्य करें।
संवाद किया और मांगे सुझाव:
आयोग अध्यक्ष श्रीमती चतुर्वेदी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों से जुड़े हुए मुद्दों पर हमें संवेदनशीलता बरतनी होगी और गंभीरता से कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि हमें एक-दूसरे की ताकत बनना होगा तथा इस प्रकार की समस्याओं को जड़ से खत्म करना होगा। श्रीमती चतुर्वेदी ने जिला अस्पताल में बच्चों की मौतों के मामले में मौजूद सभी अधिकारियों, एनजीओ प्रतिनिधियों और अन्य मौजूद प्रबुद्धजनों से तसल्ली से संवाद किया तथा उनसे इसके पीछे के कारणों को समझा व कारणों को दूर करने के लिए सुझाव भी मांगे।
कमेटी का गठन किया, रिपोर्ट देने के निर्देश:
आयोग अध्यक्ष श्रीमती चतुर्वेदी ने जिला अस्पताल में नवजातों की मौत के मामले के पीछे के कारणों और उन कारणों को दूर करने के लिए किए जाने वाले कार्यों को जानने व इसके लिए किस प्रकार का सिस्टम डवलप किया जाए, इसके लिए जिला प्रशासन को एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए और कहा कि इस कमेटी में आईसीडीएस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, सीडब्ल्यूडी व एनजीओ के प्रतिनिधि के साथ प्रशासनिक अधिकारी को भी शामिल करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यह कमेटी विस्तृत विचार-विमर्श करते हुए खुले मन से सुझाव प्रस्तुत करें।
भांति-भांति के कारण व सुझाव आए सामने:
आयोग अध्यक्ष श्रीमती चतुर्वेदी ने जब विभागीय अधिकारियों के साथ एनजीओ प्रतिनिधियों व अन्यजनों से संवाद करना शुरू किया तो भांति-भांति के सुझाव व तथ्य सामने आए। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर हिम्मतसिंह बारहठ ने क्षेत्र में कुपोषण की स्थिति के बारे में, वागड़ विकास संस्थान के नैमराज सहलोत ने गर्भवतियों द्वारा पोषाहार ही नहीं खाने की स्थिति, डॉ. युधिष्ठिर त्रिवेदी ने गांवों मंे एएनएम द्वारा नवजातों को इंजेक्शन नहीं लगाने, वाग्धारा के जयेश जोशी ने दूरस्थ इलाकों मंे एमटीसी स्थापित करने की आवश्यकता जताई। इस दौरान सीएमएचओ डॉ. एचएल ताबियार, सहायक निदेशक दिलीप रोकड़िया, सीडब्ल्यूसी के शांतिलाल चौबीसा व कोदरलाल बुनकर ने कुपोषण की स्थितियों पर विचार व्यक्त किए। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणपति महावर भी मौजूद थे।
भावुक हुई श्रीमती चतुर्वेदी:
बैठक दौरान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती मनन चतुर्वेदी उस वक्त भावुक हो उठी जब हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में गत दिनों लापता होने के बाद अचानक ही पानी में बच्चे की बॉडी मिलने के प्रकरण पर जांच की मांग को लेकर बच्चे के माता-पिता उनके पास पहुंचे। अपने बच्चे की अचानक मौत पर बिलखती बच्चे की मां को दिलासा देने के लिए चतुर्वेदी ने उसको अपने पास सोफे पर बैठाया व खुद अपने हाथ से पानी पिलाया तो वह बिना ग्लास जूठा किए पानी पीने लगी। इस दौरान मां की सहजता को देखकर चतुर्वेदी भावुक हो उठी। उन्होंने इस प्रकरण में स्वयं जिला पुलिस अधीक्षक से बात करते हुए परिवार को न्याय दिलाने की भी बात कही।
