ठगी का अलग-अलग था काम फिर बनाई गैंग:युवाओं ने गैंग बनाकर कॉल गर्ल के नाम पर शुरू की ठगी, आरोपी गिरफ़्तार
डूंगरपुर की गैंग ठगी का अलग-अलग काम करने के दौरान एक हुई और पूरे प्रदेश में कॉलगर्ल के नाम पर ठगी का नेटवर्क खड़ा कर दिया। इस मामले का खुलासा करते हुए बांसवाड़ा साइबर सेल ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं एक आरोपी फरार है। जिसकी तालाश बांसवाड़ा साइबर सेल कर रही है। दरअसल गढ़ी के रातड़िया आमजा निवासी पीड़ित ने शिकायत की थी कि 28 अगस्त को उसके वाट्सएप पर अंजान नंबर से मैसेज आया, उस नंबर पर एक लड़की का फोटो लगा हुआ था। आरोपी के मैसेज में लिखा था कि कॉल गर्ल उपलब्ध है और उसके एरिया में ही लड़की, होटल दोनों उपलब्ध कराए जा सकते हैं। उसने रिप्लाई दिया तो रजिस्ट्रेशन के लिए पेटीएम के दो नंबर भी भेजे। इसके बाद 31 बार में कुल 2,05,733 लाख रुपए खातों और ई-मित्र के माध्यम से ले लिए।
- जांच में डूंगरपुर का गिरोह
जब उन्होंने लड़की के लिए संपर्क किया तो नंबर बंद कर दिया। इस मामले में साइबर थाने ने जांच की तो डूंगरपुर का गिरोह सामने आया। पुलिस ने साबला के पिंडावल निवासी 24 वर्षीय जितेंद्र पुत्र गलजी पाटीदार, बोड़ीगामा निवासी 25 वर्षीय भरत पाटीदार पुत्र देवेंग पाटीदार और 18 वर्षीय चिराग पुत्र अमरजी को नामजद किया है। वहीं जितेंद्र और भरत को गिरफ्तार कर साइबर सेल ने पीसी रिमांड में लिया है।
- सीसीटीवी में रुपए निकालते हुए कैद हुआ आरोपी
जांच में पुलिस को पता चला कि बैंकों में जमा हुई राशि को साबला के आसपुर-डूंगरपुर मार्ग पर िस्थत एटीएम से निकाला गया है। इसकी जानकारी के लिए सीसीटीवी फुटेज चैक की तो 18-20 साल का एक युवक सीसीटीवी में रुपए निकालता हुआ डूंगरपुर में कैद हुआ। इसके बाद उसकी शिनाख्त आरोपी चिराग के नाम से हुई। वहीं मोबाइल नंबरों के आधार पर जांच की तो बाकी जितेंद्र और भरत का नाम सामने आया। तीनों की कॉल डिटेल में आपस में संपर्क रहने की भी पुष्टि हो गई। इस वजह से तीनों को मुकदमे में शामिल किया है। आरोपी पुलिस को चकमा देने के लिए रुपयों की निकासी साबला, आसपुर, डूंगरपुर के कई एटीएम व ऑनलाइन ट्रांसफर करते थे।
-अन्य राज्यों के सिम और खाते मंगाकर करते थे ठगी
पूछताछ के दौरान बताया है कि वह ठगी के लिए अन्य राज्यों से सिम कार्ड और खाता मंगवाकर ठगी करते थे, जिससे वह पकड़ में नहीं आ सकें। गढ़ी में की गई 2 लाख की ठगी के मामले में आरोपियों ने उत्तर प्रदेश के ललितपुर निवासी मनोज पुत्र जसराथ के नाम का सिम और ललिपुर के ही महेंद्र सिंह के नाम से खोला गया कैनरा बैंक का खाता इस्तेमाल में लिया था। इनके अलावा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का खाता दार्जिलिंग की रंजूदास के नाम से खुले खाते का इस्तेमाल किया था, जिसके खाते में प्रेमनाथ महातो संतोषी के नाम से लिया गया मोबाइल नंबर लिंक था। दार्जिलिंग के ही बंधन बैंक से अंजली रॉय नाम के खाते का इस्तेमाल किया था, इसमें सुजॉय बिस्वाह नाम के व्यक्ति का मोबाइल नंबर लिंक था।