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पोषाहार पकाने के साथ अब कुक कम हेल्पर के हाथ में होगी कलम, पट्टी, पुस्तक

Banswara
पोषाहार पकाने के साथ अब कुक कम हेल्पर के हाथ में होगी कलम, पट्टी, पुस्तक
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साक्षरता विभाग की पहल, कुक कम हेल्पर को अब मिलेगा आखर ज्ञान


सरकारी स्कूलों में कुक कम हेल्पर पोषाहार बनाने का काम करते हैं। इन कुक कम हेल्पर को अब स्कूलों में रसोई घरों में पोषाहार पकाने साथ ही इनके हाथों में चमचा और कड़ाही के साथ-साथ कलम, स्लेट व नोट बुक, पुस्तकें आदि भी होंगी।

शिक्षा सत्र 2020-21 में निदेशालय साक्षरता एवं सतत शिक्षा राजस्थान जयपुर द्वारा कुक कम हेल्पर के लिए पढ़ना-लिखना अभियान चलाया जाएगा। योजना के तहत स्कूल में पोषाहार का कार्य करने वाले कुक कम हेल्पर के लिए साक्षरता कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। इसके लिए कक्षा 9वीं और 11वीं में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। जिनके द्वारा कुक कम हेल्परों को अतिरिक्त कक्षा में साक्षर किया जाएगा। कक्षा 9वीं और 11वीं के विद्यार्थी कुक कम हेल्पर को पढ़ना, लिखना और लिखकर समझना का अभ्यास कराया जाएगा। शिक्षा से कोई भी वंचित न रहे, इस उद्देश्य से शिक्षा के सार्वजनीकरण पर जोर दिया जा रहा है।

इसको लेकर साक्षरता विभाग के अतिरिक्त निदेशक कौशल्या सांकृत्य ने मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी व साक्षरता एवं सतत शिक्षा अधिकारियों को सूचना प्रेषित करने के आदेश जारी किए गए हैं। एसीबीईओ बागीदौरा नीरज दोसी ने बताया कि सूचना में जिले का नाम, कार्यरत कुक कम हेल्पर, कुल असाक्षर कुक कम हेल्पर और पढ़ना-लिखना अभियान में साक्षरता कक्षाओं से जोड़े गए असाक्षर कुक कम हेल्परों की संख्या मांगी गई हैं। आने वाले दिनों में मिड-डे-मील के तहत पोषाहार पकाने के साथ कुक कम हेल्पर बारहखड़ी, गिनती, पहाड़े, आखर ज्ञान सीखते हुए दिखाए देंगे। इधर, शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार सरकारी स्कूलों में कक्षा 9 और 11वीं में हैड बाॅय और हैड गर्ल का भी चयन किया जा चुका है। ये हैड बाॅय और हैड गर्ल न केवल स्कूल संचालन में सहयोग करेंगे बल्कि कुक कम हेल्परों साक्षर बनाने की दिशा में महत्वपनूर्ण भूमिका निभाएंगे।

सामाजिक संस्थाओं का भी लेंगे सहयोग
 जिले में करीब 12600 कुक कम हेल्पर हैं । जिसकी सूचना भेज दी हैं। जिन्हें ‘इच वन टीच वन’ के तहत कक्षा 9 व 11 के हैड गर्ल, हैड बॉय, स्काउट गाइड, एनजीओ, सामाजिक संस्थाओं के जरिए साक्षर किया जाएगा। संबंधित विभाग से जल्द ही शिक्षण सामग्री भी उपलब्ध होगी।
- एंजिलिका पलात, सीडीईओ बांसवाड़ा

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