विधानसभा-नियमानुसार महिलाओं काे हॉरिजेंटल आरक्षण का दिया लाभ आरटीआई-सामान्य पुरुष पदों के विरुद्ध 1417 महिला अभ्यर्थियों का चयन
विधानसभा में सवाल : शिक्षक भर्ती 2004 में वंचितों की नियुक्ति पर सरकार का क्या विचार हैै?
राजस्थान लाेक सेवा आयाेग का बड़ा झूठ सामने आया है। जिसमें एक ही सवाल के दाे अलग-अलग जवाब पेश किए है। यह पूरा मामला शिक्षक भर्ती 2004 से जुड़ा है। जिसमें राजस्थान लाेक सेवा आयाेग ने चयन प्रक्रिया में आरक्षण से अधिक 2812 पदों पर अपात्रों का चयन कर लिया था, जिसमें 2354 महिलाएं और शेष भूतपूर्व सैनिक और दिव्यांग शामिल हैं। इस मामले में अब तक आयाेग द्वारा काेई कार्रवाई नहीं करने पर पिछले विधानसभा सत्र में ही डग विधायक कालूलाल ने प्रश्न उठाया कि क्या सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2004 में महिलाओं के तय आरक्षण से ज्यादा आरक्षण देने के कारण नियुक्ति से वंचित रहे अभ्यर्थी के मेरिट के आधार पर शिक्षक पद पर नियुक्ति देने का विचार रखती है, तो कब तो कब तक, नहीं तो क्यों नहीं? इस पर आयाेग ने सदन में जवाब दिया कि आयोग द्वारा आयोजित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय अध्यापक प्रतियोगी परीक्षा 2004 का परिणाम संबंधित सेवा सेवा नियमानुसार एवं त्तसमय जारी परिपत्र 31 मई 2000 को ध्यान में रखते हुए जारी किया था। उसके अनुसार उस परीक्षा के तहत परिपत्र 31 मई 2000 की पालना करते हुए महिलाओं को उस समय हॉरिजेंटल आरक्षण का लाभ प्रदान किया था। जबकि आयाेग ने एक आरटीआई में यह बात कबूल की है कि चयन प्रक्रिया में आरक्षण नियमों की अवहेलना कर आरक्षण से अधिक पदों पर चयन किया था।
आरटीआई के मुताबिक सामान्य पुरुष के पदों के विरुद्ध 1417 महिला अभ्यर्थियों का चयन किया। वहीं कुल विकलांग में 312 एलडी और 40 बीएल हैं। वहीं भूतपूर्व सैनिकों की संख्या 106 है।
आरटीआई में कबूला...आरक्षण नियमों की अवहेलना कर चयन किया
सदन में दिए जवाब के अनुसार 2006 में नई भर्ती प्रक्रिया जारी होते ही पुरानी भर्ती प्रक्रिया बन्द हो जाती है। मनोज कुमार तुंगरिया के मामले में कोर्ट आदेशों पर नियुक्ति दिया जाना संभव नहीं है। वहीं 15 दिसंबर 2021 को इसी मनोज कुमार तुंगरिया का आरपीएससी ने परिणाम जारी कर आवेदन भरवा लिया। एेसे में विरोधाभास यह है कि सदन में दिया गया जवाब कि 2006 के बाद भर्ती प्रक्रिया बंद हो गई। दूसरी ओर आरक्षण से अधिक 2354 महिलाओं के चयन के बाद 2012 में मंजू कुमारी, नीतू बाई व अन्य महिलाओं को 2019 में इसी भर्ती में एक अन्य अभ्यर्थी कौशल कुमार गुप्ता को नियुक्ति दे दी गई। वंचित अभ्यर्थियों का कहना है कि लोकसेवक सदन तक को गुमराह करने में पीछे नहीं हट रहे हैं। इस कारण लाेगाें का विधानसभा पर से भी विश्वास उठ जाएगा।
इन्हें गलत नियुक्ति दी
2812 पदों पर अपात्रों का चयन कर लिया था
2354 महिलाएं और शेष (106) भूतपूर्व सैनिक और (312) दिव्यांग शामिल हैं।