दाे दाेस्तों ने की थी समीर की हत्या, वारदात स्थल पर मिले चश्मे से आराेपियाें की पहचान

शहर के आंबावाड़ी क्षेत्र में गत मंगलवार रात काे हुए ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी काेतवाली पुलिस ने सुलझा दी है। इंदिरा काॅलाेनी निवासी 24 साल के समीर खान की हत्या के आराेप में उसके ही साथ काम करने वाले कालिका माता क्षेत्र निवासी अजय पुत्र रामू भाेई और मीतराजसिंह पुत्र दीपेश सिंह काे जयपुर से गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार अजय को आशंका थी कि समीर और उसकी पत्नी के बीच सम्बंध हैं। जिसके चलते उसने अपने साथी के साथ मिलकर वारदात काे अंजाम दिया। डीएसपी सूर्यवीरसिंह ने बताया कि टीम दाेनाें आराेपियाें काे गिरफ्तार करने के लिए गुजरात रवाना हुई, लेकिन वहां पहुंचने पर पता चला कि आराेपी जयपुर पहुंच चुके हैं। उन्होंने अपने मोबाइल भी बंद रखे।
इस पर उसके सभी दोस्त परिचितों पर निगरानी रखी। आरोपियों ने जयपुर में एक ऑटो वाले से बांसवाड़ा में परिचित को कॉल किया तो इंटेलीजेन्स को इसकी सूचना मिली। इस पर जयपुर पुलिस को ऑटो वाले का नम्बर सेंड कर ट्रेस किया ऑटाे चालक ने जयपुर पुलिस को बताया कि दोनों को उसने सिंधी कैम्प में ड्रॉप किया था। तब कुछ ही देर में पुलिस ने सिंधी कैम्प से उन्हें डिटेन कर लिया। इसके बाद आराेपियाें काे बांसवाड़ा पुलिस काे साैंपा गया।
10 बार चाकू घोंपने से हुई थी मौत
डीएसपी सिंह ने बताया कि अजय और समीर साथ में काम करते थे। इस कारण अच्छी पहचान थी। अजय ने 4 साल पहले अगरपुरा की एक युवती से मंदिर में शादी की थी। दो साल दाेनाें अच्छे से साथ रहे। इसके बाद में युवती के परिजनों ने उसकी शादी उदयपुर में कर दी। युवती वहां रही, लेकिन वापस अजय से नज़दीक बढ़ने से वो उसके पास आ गई। समीर साथ में काम करता था तो अजय की पत्नी से समीर के अच्छे सम्पर्क थे। इसे अजय को आशंका थी कि समीर और उसकी पत्नी के बीच सम्बंध हैं।
गत 24 मार्च को शीतला सप्तमी के दिन शाम को अजय की पत्नी घर से कहीं चली गई। उसके पास फाेन नहीं था तो अजय से सम्पर्क नहीं हो पाया। अजय ने उसकी तलाश की पर कुछ पता नहीं चला। इस पर समीर ने उसे बताया कि वो उदयपुर गई है। ऐसे में अजय को शक होने लगा की समीर ने उसकी पत्नी को कहीं छिपा रखा है वो सच नहीं बता रहा है। इसी शक में अजय ने मीत के साथ मिलकर समीर की हत्या कर दी। आरोपी हत्या के बाद समीर की बाइक और मोबाइल भी साथ ले गए थे, जिसकी बरामदगी में पुलिस जुटी है।
ऐसे हुआ खुलासा-सुराग मिला तो जुड़ी कड़ियां
पुलिस ने वारदात स्थल का मुआयना किया ताे उसे माैके पर एक चश्मा मिला। जिस पर आसपास के लाेगाें और समीर के परिचिताें से जानकारी जुटाने पर सामने आया कि चश्मा अजय का है। इस पर पुलिस अजय की तलाशी में जुटी ताे अजय और मीतराज दाेनाें ही घर से फरार थे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें नामजद कर गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए। गाैरतलब है कि आंबावाड़ी में घर के पास ही चाकू से 10 बार हमला कर समीर की हत्या की गई थी। समीर मूल रुप से उत्तरप्रदेश का रहने वाला था, लेकिन वाे यहां अपनी बहन के वहां पर रहकर एल्युमिनियम का काम करता था।