रतलाम-स्वरुपगंज नेशनल हाईवे को चार लेन बनाने के लिए टेंडर प्रक्रिया इसी माह
10 मीटर चाैड़ी सड़क काे फिलहाल डूंगरपुर अाैर सागवाड़ा शहर के बीच में से गुजारा जाएगा, चाैथे चरण में बजट की स्वीकृति मिलने के बाद बाईपास पर काम हाे सकेगा
सागवाड़ा अाैर डूंगरपुर शहर से गुजरेगा हाईवे
नेशनल हाईवे की अाेर से सड़क निर्माण की जल्दी काे देखते हुए फिलहाल डूंगरपुर शहर अाैर सागवाड़ा शहर के मध्य से हाईवे काे गुजारा जाएगा। इसके लिए अलग से बाईपास निर्माण पर अभी काेई कार्य नहीं किया जाएगा। भविष्य में इसी सड़क पर अतिरिक्त बजट मिलने पर या फिर चाैथे फेज में बजट जारी हाेने पर बाईपास का निर्माण कराया जा सकता है। तब तक सड़क दाेनाें शहर के बीच में से गुजरेगी। इससे अब यहां पर वाहनाें की अावाजाही दाेगुनी हाेगी। जिससे ट्रैफिक भी ज्यादा हाेगा। वहीं इससे वाहनाें की अावाजाही बढ़ने से व्यापारियाें काे भी लाभ हाेगा।
डूंगरपुर | रतलाम स्वरुपगंज नेशनल हाईवे निर्माण के दूसरे चरण में 240.995 कराेड़ की स्वीकृति जारी हाे गई है। इसके साथ ही अब माेतली माेड़ से माही पुल सागवाड़ा तक चार लेन सड़क का निर्माण शुरू हाेगा। इस सड़क में लगभग वरदा से ठाकरड़ा माेड़ के बीच टाेल नाका स्थापित हाेगा। इससे अब इस मार्ग से गुजरने वाले वाहनाें काे टाेल चुकाना हाेगा।टाेल के माध्यम से सड़क का रखरखाव अाैर अागामी सड़क के पुन:निर्माण की रूपरेखा तैयार की जाएगी। यह पिछले पांच वर्ष से खस्ताहाल में है। इस सड़क काे डूंगरपुर-बांसवाड़ा की लाइफलाइन तक माना जाता है। डूंगरपुर जिलेवासी काे मध्यप्रदेश जाने के लिए इसी सड़क का ज्यादा इस्तेमाल करना पड़ता है। वहीं बांसवाड़ा के लाेगाें काे गांधीनगर या अहमदाबाद जाने के लिए सागवाड़ा डूंगरपुर हाेकर गुजरना पड़ता है। इस सड़क के पिछले दस साल से खस्ताहाल हाेने के कारण स्थानीय लाेगाें काे पुनर्निर्माण की मांग चल रही थी। जिसके बाद केंद्र सरकार की अाेर से रतलाम-स्वरुपंगज काे जाेड़ने के लिए इसी सड़क काे नेशनल हाईवे की श्रेणी में रखा गया था। इसके बाद सड़क काे राज्य सरकार से हटाकर केंद्र सरकार के अधीनस्थ कर दिया गया। वर्ष 2016 में इस सड़क की प्रशासनिक स्वीकृति जारी हुई थी। इसके बाद सड़क काे लेकर वन विभाग की एनअाेसी देने में एक साल से अधिक का समय गुजर गया। इस दरम्यान सड़क की प्लानिंग भी बदली गई। वर्ष 2018 में सड़क काे लेकर वन विभाग की एनअाेसी मिलने के बाद वित्तीय स्वीकृति के लिए फाइल दिल्ली पहुंची थी। जिसके बाद पहले फेज के निर्माण की स्वीकृति जारी हुई थी। जिसमें बांसवाड़ा से तलवाड़ा तक सड़क का निर्माण शुरू हुअा था। पिछले लम्बे समय से सागवाड़ा-डूंगरपुर खस्ताहाल सड़क की डिमांड बढ़ती जा रही थी।