Home News Business

8 जिलों की 25 सीटों पर टारगेट, बांसवाड़ा में मोदी की जनसभा इसी महीने

Banswara
8 जिलों की 25 सीटों पर टारगेट, बांसवाड़ा में मोदी की जनसभा इसी महीने
@HelloBanswara - Banswara -

राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश, तीनों राज्यों में अगले एक साल के भीतर होने वाले चुनावों के लिए कांग्रेस-भाजपा के बड़े नेता यहां एक्टिव हैं। इस साल मई में कांग्रेस की टॉप लीडरशिप की रैली के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांसवाड़ा में जनसभा करेंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार पीएम इस महीने के आखिर में यहां आ सकते हैं।

जिले बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में यह जनसभा हो सकती है। मानगढ़ राजस्थान-गुजरात बॉर्डर पर बांसवाड़ा के आनंदपुरी के पास एक पहाड़ी पर है। यहां पर मध्यप्रदेश और गुजरात की भी सीमाएं मिलती हैं।

गुजरात में विधानसभा चुनाव इसी साल हैं। साल 2023 में राजस्थान और मध्यप्रदेश में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में मोदी की मानगढ़ की सभा तीन राज्यों के चुनावी समीकरणों को साधने में भी बड़ी भूमिका निभाएगी। यहां से देशभर के आदिवासी समाज को मोदी मैसेज देंगे। माना जा रहा है पीएम नरेंद्र मोदी के साथ कई केंद्रीय मंत्री भी दौरे पर साथ आएंगे। पूरा कार्यक्रम अभी प्लान किया जा रहा है।

हेलीपैड पर मोदी ने दिया था मैसेज
पिछले दिनों आबू रोड हेलीपैड पर 30 सितम्बर को पीएम मोदी कुछ देर आए, तो राजस्थान की धरती और जनसमूह को मंच से तीन बार झुककर प्रणाम किया था। रात 10 बजे बाद मोदी ने लाउड स्पीकर पर कुछ नहीं बोला, लेकिन साथ ही मैसेज दिया था कि मैं जल्द ही दोबारा आपके बीच आऊंगा।

31 अक्टूबर- 1 नवम्बर को बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में यात्रा प्रस्तावित

केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बताया पीएम नरेन्द्र मोदी की मानगढ़ धाम, बांसवाड़ा में यात्रा प्रस्तावित है। बैठकों की सूचना पर ही प्रदेश बीजेपी कार्यलय में तैयारी के लिए आए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम मानगढ़ धाम में होगा।

इस धाम में अंग्रेजों की गोली से एक ही दिन में 1500 भील शहीद हुए थे। गोविंद गुरू के नेतृत्व में उस पहाड़ी पर भील समाज के शहीदों ने जो काम किया, उससे अंग्रेजी हुकूमत हिल गई थी। इसलिए उसकी याद में पीएम कार्यक्रम करेंगे, तो कार्यक्रम भी बड़ा होगा और मैसेज भी बड़ा होगा। 31 अक्टूबर या 1 नवम्बर की तारीख को मोदी का मानगढ़ दौरा होगा।

मानगढ़ धाम का क्या है महत्व?
मानगढ़ धाम, जहां महान संत गोविंद गुरू के नेतृत्व में 1500 भीलों ने अपना बलिदान दिया था। 700 लोग गोलीबारी में मारे गए। करीब 800 ने पहाड़ी से गिरकर और इलाज के बिना दम तोड़ा था। आजादी के आंदोलन में विख्यात जलियांवाला बाग से भी बड़ा बलिदान यहां पर हुआ था। यह धाम बांसवाड़ा जिले में आनंदपुरी से कुछ ही दूरी पर पहाड़ी पर बना हुआ है। इसका स्मारक गुरूभक्ति, देशभक्ति और देश के लिए सब कुछ न्यौछावर करने के बलिदान को दर्शाता है।

करीब 110 साल पहले 17 नवम्बर 1913 को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन गुरू का जन्मदिन मनाने और यज्ञ के लिए इकट्ठा हुए हजारों गुरूभक्तों को ब्रिटिश सेना ने मौत के घाट उतार दिया था। ब्रिटिश फौज पहाड़ी को खाली करवाना चाहती थी। उसे आशंका थी कि आजादी के संग्राम के लिए यहां क्रांति का बिगुल फूंका जा रहा है। यह बहुत बड़ा नरसंहार था।

पहाड़ी पर स्थित मानगढ़ धाम के चारों और जंगल का इलाका है। यहां गुजरात और मध्यप्रदेश की भी सीमाएं मिलती हैं।
पहाड़ी पर स्थित मानगढ़ धाम के चारों और जंगल का इलाका है। यहां गुजरात और मध्यप्रदेश की भी सीमाएं मिलती हैं।

पिछले दिनों आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हाल ही में मानगढ़ धाम पर स्वराज-75 आयोजन समिति ने धर्मसभा की थी। जिसमें हजारों लोग इकट्ठा हुए। बांसवाड़ा, डूंगरपुर, सागवाड़ा, गुजरात के संतरामपुर, दाहोद, महिसागर, पंचमहल और मध्यप्रदेश के राजस्थान से लगते कई जिलों से लोग वाहन रैली निकालकर यहां पहुंचे थे। वागड़ के संत गोविंद गुरू को याद करने यहां आदिवासी समाज का मेला भी लगता है।

राजस्थान-गुजरात बॉर्डर पर बांसवाड़ा जिले में है मानगढ़ धाम।
राजस्थान-गुजरात बॉर्डर पर बांसवाड़ा जिले में है मानगढ़ धाम।

मानगढ़ धाम का करीब 80 फीसदी हिस्सा राजस्थान और 20 फीसदी गुजरात में पड़ता है। मानगढ़ पहाड़ी चारों ओर से जंगल से घिरी हुई है। 800 मीटर ऊंची पहाड़ी पर घटना के 80 साल बाद तक कुछ नहीं था। 27 मई 1999 को राजस्थान सरकार ने नरसंहार में मारे गए सैकड़ों शहीदों की याद में शहीद स्मारक बनवाया, तब मानगढ़ को पहचान मिली।

शेयर करे

More news

Search
×