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कोतवाली पुलिस से मिले श्रमिकों के परिवाद पर आजीविका ब्यूरो ने कंपनी के प्रतिनिधि व ठेकेदार को नोटिस देकर 10 जुलाई तक भुगतान न करने...

Banswara
कोतवाली पुलिस से मिले श्रमिकों के परिवाद पर आजीविका ब्यूरो ने कंपनी के प्रतिनिधि व ठेकेदार को नोटिस देकर 10 जुलाई तक भुगतान न करने...
@HelloBanswara - Banswara -

बांसवाड़ा शहर सहित जिले के 7 स्थानों और प्रतापगढ़ के दो स्थानों पर नालियां खोदकर डाली गई एयरटेल कंपनी की ऑप्टीकल फाइबर केबल के मामले में झाबुआ मध्यप्रदेश के 80 श्रमिकों का ठेकेदार ने करीब 10 लाख रुपए की मजदूरी का भुगतान न करना सामने आया है। श्रमिकों के प्रतिनिधि भूरा आमलोगर ने भुगतान पाने के लिए कोतवाली पुलिस की शरण ली है।

पुलिस ने मामला आजीविका ब्यूरो, बांसवाड़ा को सौंपा दिया है। आजीविका ब्यूरो ने एयरटेल कंपनी, उसके प्रतिनिधि रोहित चौधरी निवासी फुलेरा जयपुर और ठेकेदार बूंदी निवासी भागीरथ बंजारा को नोटिस जारी किया है। आजीविका ब्यूरो व श्रमिकों की माने तो ठेकेदार ने उनसे 22 अप्रैल से 18 जून तक बांसवाड़ा शहर व जिले की 7 साइटों, प्रतापगढ़ की 2 साइटों पर नालियां खुदवाकर केबल लाइन डलवाई थी। जिसमें 40 महिला व 40 पुरुषों ने मजदूरी की थी। कुल मजदूरी करीब 15 लाख रुपए बनी, जिसमें करीब साढ़े पांच लाख रुपए का उनको एडवांस के तौर पर भुगतान किया, बाकी का भुगतान नहीं किया जा रहा है। प्रोग्राम मैनेजर आजीविका ब्यूरो आजीविका ब्यूरो, बांसवाड़ा के प्रोग्राम मैनेजर कमलेश शर्मा ने बताया कि झाबुआ के 80 श्रमिकों ने कंपनी के ठेकेदार के खिलाफ कोतवाली में परिवाद दिया था।

इस तरह के मामलों में सीधेतौर पर एफआईआर नहीं होती है। कोतवाली ने आजीविका ब्यूरो को इसमें मध्यस्थता कर भुगतान कराने के लिए कहा है। ठेकेदार से संपर्क किया तो उसका सकारात्मक रवैया नहीं मिलने पर कंपनी, उसके प्रतिनिधि व ठेकेदार को 15 दिन में भुगतान करने का नोटिस जारी किया है। 10 जुलाई तक भुगतान नहीं होता है तो प्रकरण श्रम न्यायालय लगाएंगे। झाबुआ से बांसवाड़ा के 5 चक्कर लगा चुके: श्रमिक भूरा कोतवाली पुलिस को ठेकेदार के खिलाफ परिवाद देने वाले झाबुआ के मजदूरों का प्रतिनिधि भूरा आमलोगर निवासी नरवालिया झाबुआ ने बताया कि ठेकेदार भागीरथ बंजारा ने उसके साथी मजदूरों से करीब दो माह तक एयरटेल केबल लाइन भूमि में डालने के लिए नाली खुदाई की मजदूरी कराई थी। 22 अप्रैल 2024 से 18 जून 2024 तक मजदूरी की थी। काम पूरा होने के बाद दो-चार दिन में भुगतान की कहा था, बाद में उसने काम में कमियां निकालकर भुगतान करने से मना कर दिया।

सभी श्रमिकों की करीब 15 लाख रुपए की मजदूरी हुई थी, इसमें करीब साढ़े पांच लाख रुपए एडवांस व काम के दौरान खर्चे के लिए दिए थे। करीब 10 लाख रुपए बाकी है। ठेकेदार भागीरथ बंजारा ने बताया कि श्रमिकों ने साइटों पर कई स्थानों पर कम खुदाई केबल डाल दी है। जिससे कंपनी ने उसका भुगतान अटका दिया है। जब काम ही सही नहीं किया तो वो भुगतान क्यों करे। श्रमिकों को फिर से निर्धारित गहराई तक खुदाई कर पुन: केबल डालने की कहा है, श्रमिक आ नहीं रहे हैं।

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