एनएच पीडब्ल्यूडी ने सैलाना से बांसवाड़ा तक हाइवे फोर लेन व पुल ऊंचा करने का प्रस्ताव भेजा

बांसवाड़ा. जर्जर नागड़िया पुल । ^अप्रैल-मई 2026 से प्रोजेक्ट की मशीनें बांसवाड़ा आना शुरू हो जाएंगी। रिएक्टर की मशीनें 700 टन वजनी तक है। सर्वे में प्रोजेक्ट साइट से सैलाना तक हाइवे की सड़क कई स्थानों पर कम चौड़ी और 4 पुल कमजोर मिले हैं। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को प्रस्ताव भिजवाया है। -संदीप दास, पीडी एनटीपीसी, माही पावर प्रोजेक्ट बांसवाड़ा| परमाणु बिजली घर (माही पावर प्रोजेक्ट) के लिए अगले साल वर्ष अप्रैल-मई 2026 से मशीनें आने का प्लान है लेकिन इसमें छोटी व टूटी सड़कें और पुल रोड़ा बन सकते हैं।
700-700 मेगावाट के 4 परमाणु रिएक्टर की 300 से 700 टन की बड़ी-बड़ी मशीनें आएंगी। सभी मशीनों को गुजरात के कंडाला बंदरगाह से सड़क मार्ग से रतलाम होते हुए लाएंगे। शिपिंग कॉरपोरेशन ने इस रूट पर सड़क और पुलों का सर्वे किया तो सामने आया कि रतलाम के पास दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से मध्यप्रदेश के बार्डर सैलाना तक एनएच 927-ए की सड़क और सभी पुल की स्थिति सही है लेकिन मध्यप्रदेश बॉर्डर से नापला तक करीब 40 िकलोमीटर में हाइवे खराब है। 7 में 4 पुल काफी कमजोर हैं। शिपिंग कॉरपोरेशन ने सर्वे के बाद कहा कि सड़क और चारों पुल की मरम्मत होने पर ही ये मशीनें यहां आ सकती हैं ये मशीनों का वजन सहने में सक्षम नहीं हैं। एनएच पीडब्ल्यूडी और आरएसआरडीसी ने भी उनकी बात को सही बताया। अब एनएच पीडब्ल्यूडी ने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को माही पावर प्रोजेक्ट साइट से लेकर सैलाना तक एनएच 927-ए को फोर लेन करने और पुलों को हाई लेवल में मोडिफाई करने का प्रस्ताव भेजा है।
मशीनों को 80 से 90 पहियों के लोडर लेकर आएंगे। इनके लिए 12 से 14 मीटर चौड़ी सड़क की आवश्यकता है। छोटी सरवन और दानपुर के बीच नागड़िया पुल बेहद कमजोर है। यह पुल 60 वर्ष से अधिक पुराना होने के साथ ही रपट की तरह बना हुआ है। पुल की लंबाई करीब 30 मीटर और चौड़ाई महज 5 मीटर है। यह 100 से 150 टन वजन ही सह सकता है।