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तस्करी के लिए सुंदनी फैक्ट्री में बिना होलोग्राम की शराब बना गोदाम में रखी, लाइसेंसी गिरफ्तार

Banswara
तस्करी के लिए सुंदनी फैक्ट्री में बिना होलोग्राम की शराब बना गोदाम में रखी, लाइसेंसी गिरफ्तार
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बांसवड़ा | पुलिस द्वारा बिना होलोग्राम के शराब तस्करी के खुलासे में गिरफ्तारी लाइसेंसी गोदाम के मालिक ने कई बड़े खुलासे किए  हैं। इससे एक बात साफ हो गई है कि सुंदनी फैक्ट्री से ही  अवैध शराब बनकर आरोपी संचालक आई थी। पुलिस इसमें  आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत की  जांच में भी जुट गई है। आनंदपुरी शान सकी किक पीर ने मारी सुरेश 6 अब्टूबर मे प्रभारी सुरेश चौधरी की सूचना पर सल्लोपाट थानाधिकारी की टीम ने मोनाड्ंगर के  पोलपाण इलाके में लाइसेंसी गोदाम पर। छापेमारी की थी। इस दौरान पुलिस ने आबकारी विभाग को भी साथ रखा था| पुलिस ने इस मामले में लाइसेंसी गोदाम के संचालक मध्यप्रदेश के मीरा कॉलोनी उकरी भिंड निवासी फ्वनसिंह राजाबत को गिरफ्तार किया है।

पूछताछ में उसने बताया कि शराब सल्लोपाट निवासी सेठ रमेश पटेल द्वारा उसके साथ काम करने वाले लोगों की मदद से सुंदनी फैक्ट्री से भरकर आई थी। यह काम वह पिछले 5-6 माह से कर रहे हैं। उसने बताया कि आबकारी विभाग द्वारा 24 घंटे के लिए मान्य परमिट से दिन में दो-तीन गाड़ियों से माल गोदाम तक पहुंचता है। पुलिस इसमें संलिप्त अन्य व्यक्तियों के बारे में जांच कर रही है। यह था मामला: चुनावों को लेकर पुलिस सख्त है और आईजी एस परिमला व एसपी अभिजीत सिंह ने शराब तस्करों के खिलाफ अभियान चला रखा है। इसी क्रम में पोलापाण स्थित लाइसेंस धारी अर्पिता चौधरी के गोदाम से आबकारी टीम की मौजूदगी में बिना होलोग्राम की प्रिंस मदिया को 9७ पेटी व आरईओ व्हिस्की की 124 पेटी सुंदनी बांसवाड़ा फैक्ट्री से तैयार की हुई जब्त की गई थी। इस दौरान आबकारी विभाग भी पुलिस को कार्रवाई करने से रोकता हुआ दिखाई दिया था और 4 घंटे तक कार्रवाई करने में देर हुई थी।


शराब तस्करी को लेकर कई खुलासे होने की संमावना
किसके मुताबिक आबकारी अधिकारी जिनका उत्तरदायित्व फैक्ट्री व गोदाम के का था। इनके द्वारा बिना होलोग्राम की शराब फैक्ट्री से बाहर कैसे आई और गोदाम निरीक्षण करने वाले अधिकारियों ने भी इनके खिलाफ किसी तरह की कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की ? इसकी भी जांच पुलिस कर रही है। पुलिस गिरफ्तार पवन सिंह न कमा ता कर रही है, उनका मानना है कि शराब को लेकर इस मामले में कई हो सकते हैं।

डीईओ ने फैक्ट्री की जांच कर मालिक से मांगा जवाब
इस मामले में जिला आबकारी अधिकारी (डीईओ ) बिवेकानंद शर्मा ने बताया कि उन्हें करीब 7-8 दिन ही चार्ज संभाले हुए हैं। मामला प्रकाश में आने के बाद उन्होंने फैक्ट्री का निरीक्षण किया था। कलेक्शन बिल से लेकर फैक्ट्री में रखे माल की जांच की है। उन्होंने इसकी रिपोर्ट कलेक्टर प्रकाश चंद्र शर्मा को भी दे दी है। वहीं उन्होंने फैक्ट्री मालिक को कारण बताओ नोटिस भी दिया है। इसके अलावा लाइसेंसी गोदाम की मालिक अर्पिता चौधरी को भी नोटिस दिया है। इसमें पूछा गया है कि उनका लाइसेंस रद्द क्यों नहीं किया जाए? वहीं आबकारी के लोगों की मिलीभगत के मामले में उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर कार्रवाई प्रधान कार्यालय करेगा।

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