सिमटा चायनीज बाजार,दीपावली पर घर को सजाने के लिए अब बाजार में आए देशी आइटम
50 से दो हजार रुपए तक की फैंसी लाइटें, लैंप और सजावटी सामान बाजार में उपलब्ध
दीपावली आते ही घर की सजावट, राेशनी से जगमगाहट काे लेकर कई उत्पाद बाजार में बडे़ पैमाने पर बिकते है। ऐसे में चीन की ओर से गलवान घाटी में अतिक्रमण की काेशिश और पाकिस्तान की फंडिंग करने के विराेध में अब धीरे-धीरे भारतीय बाजार में चीनी उत्पाद का बहिष्कार दिखने लगा है। इस वर्ष काेराेना काल से बाजार अब धीरे-धीरे उभरने लगा है।
बाजार में सजावटी सामान में लगभग चीनी सामान बाहर हाे चुका है। डूंगरपुर शहर सहित सागवाड़ा, सीमलवाड़ा, बड़गी, आसपुर और बिछीवाड़ा जैसे बडे़ कस्बाें और शहराें में सजावटी सामान में अधिकांश जगह दिल्ली, यूपी और गुजरात से बने साजवटी रंग-बिरंगी लाइटाें की बिक्री हाे रही है।
करीब एक कराेड़ से अधिक का मार्केट इस बार चीनी सामान का बहिष्कार कर चुका है। इसी का परिणाम है की बाजार में भारतीय उत्पाद की ओर लाेगाे काे आकर्षण बढ़ने लगा है। स्थानीय व्यापारियाें के साथ बाजार में भारतीय राेजगार भी बढ़ा है।
चीनी उत्पाद से महंगा भारतीय उत्पाद पर डिमांड ज्यादा : शहर के नया बस स्टैंड व्यापारी राेशन भट्ट ने बताया की बाजार में करीब दस साल तक चीनी सजावटी सामान खूब बिका था। पिछले एक साल से डिमांड में लगातार गिरावट नजर आ रही है। भारतीय बाजार की सजावटी लाइट, डेकाेरेटिव लाइट, बल्ब, लेम्प और सिरिज भी आसानी से उपलब्ध है। ये उत्पाद गुजरात, दिल्ली और यूपी जैसे राज्य से बनकर अाए है।
जहां पर लाखाे लाेगाे काे राेजगार मिला है। भारतीय बाजार के उत्पाद भले ही थाेड़े महंगे है लेकिन उनकी अायु थाेड़ी ज्यादा है। उन्हाेंने बताया की चीनी उत्पाद की एलईडी सीरिज 60 रुपए से शुरू हाेती है। दुकान से लेने के बाद काेई गारंटी भी नहीं हाेती है। वहीं भारतीय उत्पाद की वहीं एलईडी सीरिज करीब 80 रुपए में अाती है।
जिसमें कम से कम दाे से तीन साल तक चलने की संपूर्ण गारंटी हाेती है। किसी भी प्रकार की हानिकारक कैमिकल या उत्पाद नहीं हाेता है। इसलिए अब लाेगाें की डिमांड भी इसी अाेर बढ़ती जा रही है।