मोटागांव में नर्सिंग कर्मचारी बिना पंजीयन चला रहा था क्लिनिक, डॉक्टर भी नहीं था, सील किया
- रास्ते से जा रही 108 को रूकवाया, केवल चालक मिला
जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम में सीएमएचओ डॉ. एचएल ताबियार, डिप्टी सीएमएचओ डॉ. राहुल डिंडोर व जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. पीके वर्मा ने सेामवार को दो स्थानों पर कार्रवाई की। मोटा गांव में बीएससी नर्सिंग डिग्री वाला व्यक्ति क्लिनिक चलाते हुए मिला। यहां एक महिला मरीज भी भर्ती मिली। क्लिनिक का रजिस्ट्रेशन नहीं था।
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का लाइसेंस और बायोवेस्ट निस्तारण के इंतजाम नहीं थे। नियम के अनुसार बीएससी नर्सिंग डिग्री वाला पंजीयन के बाद क्लिनिक चला सकता है लेकिन उसे मरीजों का इलाज करने के लिए एक डॉक्टर हायर करना होता है। डॉक्टर की पर्ची पर ही दवाएं दे सकता है। अन्य लाइसेंस भी लेने होते हैं। सीएमएचओ ने क्लिनिक को सील कर दिया है।
पंजीयन करवाने और डॉक्टर के पर्चे पर ही इलाज करने के निर्देश दिए। सीएमएचओ कार्यालय को मिली एक शिकायत के आधार पर टीम ने सुंदनी में एक घर पर छापा मारा। घर के बाहर बनी दुकान में सिर्फ चश्में बनाने का सामान मिला। सीएमएचओ ने बताया कि सुंदनी गांव में अजीत गर्ग नाम के व्यक्ति के घर के बाहर दुकान पर अवैध अस्पताल चलने की शिकायत मिली थी।
यहां पर आंखों की जांच के लिए एक मशीन लगी थी और चश्मे बनाने का सामान रखा था। अजीत गर्ग नामक व्यक्ति नहीं मिला। शिकायतकर्ता ने झूठी शिकायत की है। यहां पर किसी भी प्रकार की एलोपैथिक दवाएं नहीं मिली। मोटागांव में दौरा करते समय एक 108 एंबुलेंस को रूकवाया। चालक ने बताया कि वह एक पेट दर्द के पेशेंट को छोड़कर आया है लेकिन एंबुलेंस में चालक के अलावा किसी भी प्रकार का कोई भी अन्य कार्मिक नहीं था। इस पर सीएमएचओ ने जिला समन्वयक को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।