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जिला परिषद की साधारण सभा आज, एक दिन पहले पढ़ें, क्या होगा, क्योंकि बैठक सिर्फ औपचारिकता

Banswara
जिला परिषद की साधारण सभा आज, एक दिन पहले पढ़ें, क्या होगा, क्योंकि बैठक सिर्फ औपचारिकता
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मुद्दे वही : जर्जर नहरें, खस्ताहाल सड़क, बिजली कटोती

इस बार सभा में जनता की बरसों पुरानी इन स्थाई समस्याओं का समाधान करें

बांसवाड़ा जिले में जनता की समस्या को खत्म करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण जिला परिषद की साधारण सभा। लेकिन अब यह महज एक औपचारिकता पूरी करने की प्रक्रिया बन चुकी है। क्योंकि यहां हर बार जनता से जुड़े पानी, बिजली और सड़कों के मुद्दे जनप्रतिनिधि उठाते हैं। मंत्री-विधायक अफसरों को फटकार लगाते हैं, लेकिन अधिकारी एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि धरातल पर कोई काम नहीं होता है। इसी तरह समस्याओं को खत्म करने की औपचारिकता के रूप में हर तीन माह में एक बार साधारण सभा होती है। शुक्रवार को भी एक बार फिर से साधारण सभा होगी। 

जिला परिषद की पिछली बैठक 23 मई को हुई थी। इसमें सबसे बड़ा मुद्दा फर्जी बीमा वलेम उठाने का था, जिसमें एमजी अस्पताल के तत्कालीन पीएमओ डॉ. रवि उपाध्याय पर बिना शव के पोस्टमार्टम के आरोप लगाए थे। पुलिस ने परिवाद की जांच कर प्रकरण तो दर्ज किया, लेकिन कार्रवाई आगे बढ़ नहीं सकी।

किसानों को टेल तक पानी पहुंचाने की घोषणा पूरी नहीं, क्योंकि नहरें ही साफ नहीं 
जिले के हर विधानसभा क्षेत्र के जनप्रतिनधि पिछले कई सालों से साधारण सभा में माही के जर्जर नहरी तंत्र और नहरों में साफ सफाई नहों होने को लेकर अपनी नाराजगी जताताआ है रहे हें। लेकिन हमेशा अधिकारी नेठक में नीचा कर नहरों की सफाई और सीपेज दूर करने के आश्वासन ही देते आ रहे हैं। सरकार के पिछले बजट में नहरों को लेकर भारी भरकम बजट घोषणा तो कर दी गई, लेकिन धरातल में 8 से 9 माह में एक काम भी शुरू नहीं हो पाया है। काम तो दूर नहरों की सफाई तक नहीं होने से टेल तक पानी नहीं जा रहा। जर्जर नहरों में झाड़ियां उग आई हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती, ..
अफसरों का जवाब अब स्थिति सामान्य है गत बैठक में हकरु मईड़ा ने ही ग्रामीण क्षेत्रों में बिना सूचना के बिजली कटौती का मुद्दा उठाया था, उस दौरान अधिकारियों ने जल्द सुधार करने का भरोसा दिया था। जिला परिषद को सौंपी पालना रिपोर्ट में भी विभाग का कहना है कि कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन में कटौती हो गई थी, लेकिन अब स्थिति सामान्य है। इस मुद्दे पर मईड़ा ने बताया कि अब भी ग्रामीण क्षेत्र में रात के समय में कटौती बिना पूर्व सूचना के की जा रही है। 

6 महीनों में सिर्फ बिजली के पोल ही लगाए, कनेक्शन नहीं, अफसरों का जवाब-काम प्रणति पर चल रहा है

विधायक रमीला खड़िया ने पिछली बैठक में हथियादिल्‍ली में बिजली कनेक्शन नहीं होने का मुद्दा उठाया था। पालना रिपोर्ट में डिस्कॉम का जवाब है कि नेटवर्क बिछाने का काम प्रगति पर है, बिजली के खंभे खड़े कर दिए हैं। सत्राल यह उठता है कि 6 माह में डिस्कॉम सिर्फ पोल ही खड़े कर पाया है। जबकि मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने इसी मुद्दे पर डिस्कॉम के एसई एमडी चौधरी को बैठक से से बाहर निकाल दिया था। मालवीया ने डिस्कॉम के अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा कि वन विभाग से एनओसी देने के बावजूद आप इससे इनकार कर रहे हैं।

एनएच 927-1 के ठेकेदार पर केस का प्रस्ताव, लेकिन विभाज ने बचा लिया

पिछले दो सालों से हर बार नेशनल हाईवे 927-ए के जर्जर होने का मुद्दा उठाया जा रहा है। खासतौर पर गढ़ी प्रधान कांता भील का इस हाईवे के निर्माण को लेकर काफी रोष है। क्योंकि तीन साल हुए निर्माण के लेकिन हर साल बारिश के बाद यह टूट रहा है। दो बैठकों पूर्व इस मुद्दे पर साधारण सभा में ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का प्रस्ताव तक पास हो चुका है, लेकिन हर बार विभाग ठेकेदार को बचा रहा है। इस बार भी जो पेंचवर्क किया गया है

पांच साल से नयाजांव से सालिया के

बीच सड़क बनाने का उठता रहा मुद्दा जिला परिषद सदस्य हकरु मईड़ा ने बताया कि कांग्रेस सरकार बनी उसके बाद की हर साधारण सभा में सालिया-नवागांव, सियापुर सड़क के निर्माण का मुद्दा उठाते रहे हैं, लेकिन हर बार बैठक में बनाने का आश्वासन ही मिलते आए हैं। जबकि मंत्री ने चुनाव के बाद भरोसा दिया था कि सड़क का निर्माण करा दा । यह मुद्दा पिछले 4 सालों से लगातार बना हुआ है।

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