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पहले चर्च अब मंदिर, आज विधि-विधान से भैरव की प्राण-प्रतिष्ठा:पादरी से पुजारी बने गौतम गरासिया बोले- लालच देकर धर्म बदलवाया था

Banswara
पहले चर्च अब मंदिर, आज विधि-विधान से भैरव की प्राण-प्रतिष्ठा:पादरी से पुजारी बने गौतम गरासिया बोले- लालच देकर धर्म बदलवाया था
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बांसवाड़ा जिले के सोडला गुदा गांव में रविवार को मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा का धार्मिक आयोजन किया गया। दरअसल यह आयोजन इसलिए खास है कि भैरव मंदिर की प्रतिष्ठा उस जगह हो रही है जहां पहले चर्च का संचालन किया जा रहा था।

गांव में करीब 30 ईसाई परिवारों ने सनातन धर्म में वापसी की थी। इन्होंने कई साल पहले ईसाई धर्म अपना लिया था। अब वापस हिन्दू धर्म अपना लिया है। अब इन्हीं लोगों से निर्णय लिया कि चर्च को हटाकर मंदिर निर्माण किया जाए। लोगों ने ही इमारत को भगवा रंग से रंग दिया और दीवारों पर जय श्री राम लिख दिया था।

रविवार को प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले भगवान भैरव की मूर्ति को विद्या निकेतन स्कूल से शोभायात्रा के साथ नगर भ्रमण कराया। जगह जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत अभिनंदन किया। इसके बाद मूर्ति को मंदिर में लाया गया। यहां हवन आरती के साथ मूर्ति स्थापित की गई।

लोगों ने वागड़ी भजनों की प्रस्तुतियां दी। अंत में महाप्रसाद का वितरण किया गया। इस मौके पर प्रशासन और पुलिस का जाब्ता भी तैनात रहा।

भारत माता मंदिर के महंत रामस्वरूप महाराज ने कहा- विश्व हिंदू परिषद के माध्यम से क्षेत्र में लंबे समय से जन जागरण का कार्य किया जा रहा है। यहां कुछ परिवार सालों पहले हिन्दू धर्म से अलग हो गए थे। पिछले साल गांगड़तलाई में त्रिशूल दीक्षा का कार्यक्रम हुआ था। उस दौरान इन लोगों ने वापस हिन्दू धर्म में लौटने का मानस बना लिया था।

रविवार को जिस जगह पर मंदिर बन रहा है वो चर्च थी, उसके पादरी रहे गौतम गरासिया को ही अब मंदिर का पुजारी बनाया है।

गौतम गरासिया ने बताया-सालों पहले लालच देकर हमारा धर्म बदलवा दिया गया था। उन लोगों ने हमें कुछ नहीं दिया। कभी कभी यहां आते और जो राशि एकत्रित होती वो भी ले जाते। अब हम वापस हिन्दू धर्म में लौट रहे हैं।

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