पैतृक गांव सागवाड़िया, बड़े भाई टीकम सिंह किसान थे, छोटा भाई गोविंद सिंह और गिरिराज सिंह 1994 में भाजयुमो से जुड़े, पैसा कमाया और 2002...

बांसवाड़ा के पुराने बुजुर्गों की मानें तो सबसे बड़े भाई टीकम सिंह राव, इनसे छोटे गोविंद सिंह और सबसे छोटा भाई गिरिराज सिंह वर्ष 2000 तक अपने पुस्तैनी गांव बांसवाड़ा के सागवाडिय़ा में रहते थे। वर्ष 1994 में बड़े भाई टीकम सिंह खेती किसान संभालते थे। गोविंद सिंह और गिरिराज ने कॉलेज लाइफ में एबीवीपी ज्वॉइन कर ली थी।
कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद भाजयुमो यानी भारतीय जन युवा मोर्चा ज्वॉइन किया। वर्ष 2001-2002 में उदयपुर में पुलिस लाइन के सामने टेकरी में ट्रांसपोर्ट का कार्यालय शुरू किया। जिसका नामकरण उदयपुर गोल्डन ट्रांसपोर्ट करते हुए बड़े भाई टीकम सिंह राव और छोटे भाई गिरिराज सिंह को सौंप दिया। सागवाडिय़ा में इनकी पुस्तैनी हवेली आज भी है। परिवार निवास करता है। भास्कर संवाददाता| बांसवाड़ा भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष गोविंद सिंह राव और उनके बड़े भाई टीकम सिंह राव की उदयपुर स्थित कंपनी उदयपुर गोल्डन एंड लॉजिस्टिक ट्रांसपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के 3 राज्यों के 23 ठिकानों पर इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई चौथे दिन सेामवार को भी जारी रही। सेामवार को अधिकारियों ने खुलासा किया है कि अब तक कुल कुल 50 किलो सोना, 5 करोड़ रुपए नकद और 150 करोड़ रुपए की अघोषित संपत्ति मिल चुकी है। इसमें से 5 किलो सोना और 1 करोड़ रुपए ही घोषित आय में हैं। अब तक 137 करोड़ रुपए की आय अघोषित मानी गई है। 95 करोड़ रुपए का कोई हिसाब किताब नहीं मिला। 5 करोड़ में से 4 करोड़ नकद, 50 किलो में से 45 किलो सोने का हिसाब नहीं मिलने पर जब्त कर लिया है। टीकम सिंह और उसके भाई गोविंद सिंह ने काली कमाई का अधिकांश हिस्सा लग्जरी कारों, होटल कारोबार और प्रॉपर्टी में निवेश किया है। इससे संबंधित कई दस्तावेज भी मिले हैं। जब्त दस्तावेज की जांच के बाद ब्लैक मनी और अधिक बढ़ सकती है।
इनकम टैक्स अधिकारियों का कहना है कि राजस्थान में अब तक एक रेड में इतनी बड़ी मात्रा में गोल्ड पहली बार मिला है। जांच जारी है, काली कमाई की राशि बढ़ सकती है। इनकम टैक्स विभाग, उदयपुर के ज्वाइंट डायरेक्टर जेएस राव ने बताया कि टीकम सिंह राव और इसके छोटे भाई गोविंद सिंह राव के उदयपुर सहित जयपुर, बांसवाड़ा, मुंबई और अहमदाबाद के दफ्तरों, घर, फार्म हाउस, रिसॉर्ट सहित 23 ठिकानों पर 28 नवंबर को रेड डाली गई थी। जब्त 45 किलो सोने की बाजार कीमत करीब 38 करोड़ रुपए हैं।