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टैक्सी चालकों का आरोप, आरटीपीसीआर रिपोर्ट के नाम पर चालान काटने का भय दिखाकर पैसे वसूल रही पुलिस

Banswara
टैक्सी चालकों का आरोप, आरटीपीसीआर रिपोर्ट के नाम पर चालान काटने का भय दिखाकर पैसे वसूल रही पुलिस
@HelloBanswara - Banswara -

संपूर्ण लॉकडाउन के नाम पर जिले की मध्यप्रदेश और गुजरात बॉर्डर से लगती सीमा पर तैनात पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ गई है। हजारों रुपए का चालान काटने का डर बताकर हो रही वसूली का रुपया पुलिस जेब में रख रही है।

विरोध करने वाले टैक्सी चालकों को पुलिस डंडा दिखाने से बाज नहीं आती। आरटीपीसीआर रिपोर्ट के नाम पर केवल टैक्सी चालकों को हैरान किया जा रहा है। रुपया लेकर बिना रिपोर्ट वाले वाहन सवारों को आने-जाने दिया जा रहा है। टैक्सी चालकों से पुलिस स्तर पर हो रही वसूली का गुस्सा बुधवार को कलेक्ट्रेट परिसर में देखने को मिला।

बांसवाड़ा माही टैक्सी यूनियन के बैनर तले टैक्सी चालकों ने कलेक्ट्रेट में नारेबाजी की। बाद में सभी टैक्सी चालकों ने समस्या को लेकर जिला कलक्टर के नाम ज्ञापन भी दिया। यूनियन ने पिछले लॉकडाउन की तरह इस बार भी टैक्सी चालकों को पास जारी करने, लॉकडाउन की गाइडलाइन में टैक्सी चालकों को दी गई छूट को विधिवत लागू करने, नियमों के बाहर जाकर वसूली कर रहे पुलिस कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई करने, चंद घंटों में लौटकर आने वाले टैक्सी चालकों से आरटीपीसीआर रिपोर्ट नहीं मांगने जैसी मांग दोहराई। मामले में जिला प्रशासन की ओर से आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया।

कलेक्ट्रेट परिसर में टैक्सी चालकों की ओर से पार्क किए गए वाहन।
कलेक्ट्रेट परिसर में टैक्सी चालकों की ओर से पार्क किए गए वाहन।

रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट नहीं
टैक्सी यूनियन की ओर से यहां जिला प्रशासन को बताया गया कि तीन राज्यों की सीमा पर स्थित बांसवाड़ा में रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट की सुविधा नहीं है। लॉकडाउन की गाइडलाइन के हिसाब से एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन से यात्रियों को लाने और ले जाने के लिए छूट है। इसके सभी कायदों को टैक्सी चालक फॉलो भी कर रहे हैं।

बावजूद इसके बॉर्डर पार करते समय टैक्सी चालकों से आरटीपीसीआर रिपोर्ट मांगी जा रही है। मध्यप्रदेश के रतलाम रेलवे स्टेशन से महज आधे घंटे में वापस आने वाले टैक्सी चालक को वहां से लौटते समय आरटीपीसीआर रिपोर्ट लाने का पुलिस दबाव बना रही है। सवारियों के लिए आवश्यक रिपोर्ट का विरोध नहीं है, लेकिन आधे घंटे की समय सीमा में इस रिपोर्ट को बार-बार मांगने से परेशानियां खड़ी हाे रही हैं। इसी तरह अहमदाबाद एयरपोर्ट पर जाने से पहले दाहोद बॉर्डर पर भी पुलिस परेशान कर रही है।
...तो भूखों मर जाएगा परिवार
टैक्सी चालकों ने पुलिस के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस महामारी में उनका रोजगार लगभग खत्म हो चुका है। बैंकों से ऋण लेकर चलाई जा रही टैक्सियों की हर महीने मासिक किस्तें आ रही हैं। लोन नहीं भरने पर बैंकों के स्तर पर वाहनों को सीज भी किया जा रहा है।

यूनियन के आरोप हैं कि बैंक उनका काम कर रही है पुलिस अपना काम कर रही है तो उन्हें सावधानी के साथ काम करने के बावजूद क्यों परेशान किया जा रहा है। टैक्सी चालकों ने एक सुर में कहा कि पुलिस का यही रवैया रहा तो आने वाले दिनों में उन्हें परिवार के लिए दो वक्त की राेटी का जुगाड़ करना भारी पड़ेगा।
सिर से पानी गुजरा
यूनियन अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने बताया कि पुलिस की हठधर्मिता ने बेरोजगारी बढ़ा दी है। सभी टैक्सी चालक पुलिस कार्रवाई से बचते हैं। पूरी कोशिश रहती है कि वह सभी लॉकडाउन के कायदों का पालन करें। इसके बाद भी पुलिस उनसे हर बार आते-जाते समय कुछ देकर जाने की उम्मीद करती है। ऐसे में सवारियों को लाना-ले जाना महंगा पड़ता है। प्रशासन से उम्मीद है कि वह इस मामले में सहयोग करेगा।

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