दाे आरोपियों काे 20 वर्ष कठाेर कारावास :काेई भी पति अपनी पत्नी काे दूसरे व्यक्ति के साथ रहने के लिए विवश नहीं कर सकता: काेर्ट
दाेनाें काे दुष्कर्म के मामले में 20 साल की कठोर कारावास और अपहरण के मामले में एक साल की साधारण कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा दाेषियाें पर अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म मामले में अलग-अलग एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। काेर्ट ने दाेषी करार दिए निर्मल और दिलीप की ओर से साक्ष्यों के आधार पर कहा कि पीड़िता और आरोपियों का घर आमने-सामने हैं। दाेनाें का एक दूसरे के घर आना जाना था।
फाेटाे के आधार पर कहा कि मर्जी से शादी हुई है, इस पर काेर्ट ने कहा कि अगर शादी मर्जी से भी हुई है ताे पत्नी हाेने के नाते दाेषी निर्मल पीड़िता काे अपने घर या फिर किसी अन्य सही जगह ले जा सकता था। काेई भी पति अपनी पत्नी काे दूसरे व्यक्ति के साथ रहने के लिए विवश नहीं कर सकता और न ही वह किसी के साथ उसे देख सकता है। वहीं मेडिकल आदि की जांच काे भी आधार मान कर काेर्ट ने निर्मल और दिलीप काे दाेषी माना है।
इस दाैरान काेर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाह भी पेश किए थे। वहीं साक्ष्यों के अभाव के चलते में निर्मल के दाेस्त भरत और भंवर काे काेर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है। गौरतलब है कि माेटागांव थाना क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता 27 अक्टूबर 2018 काे स्कूल से पैदल-पैदल अपने घर जा रही थी। इसी दाैरान निर्मल और उसके साथी दिलीप ने उसे राेक िलया। चाकू दिखाकर उसका अपहरण किया और बेड़ेश्वर मंदिर ले गए। जबरन शादी कर सामूहिक दुष्कर्म किया।
दाे धाराओं में 1-1 लाख रुपए जुर्माना
काेर्ट ने अपने फैसले में पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत जिला विधिक सेवा प्राधीकरण काे प्रतिकार दिलाने की अनुशंसा की है। दरअसल इसमें दाेषियाें पर काेर्ट ने अपहरण में 1-1 लाख और दुष्कर्म में भी 1-1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इस स्कीम के तहत पीड़िता काे जुर्माने का बड़ा हिस्सा मिलता है।