2 साल में 6 बीडीओ बदले, अधूरा भवन होने से शिफ्टिंग अटकी

विश्वजीत गोले| बांसवाड़ा कलेक्ट्रेट परिसर में चल रहे पंचायत समिति बांसवाड़ा के कार्यालय को खुद का भवन शिफ्ट करने के लिए शहर के नजदीक गारिया गांव में 5 बीघा जमीन दी गई। इस पर 1.94 करोड़ रुपए से सर्व सुविधायुक्त भवन बनाना था, लेकिन अफसरों ने सेनेटरी, फर्नीचर और रंगरोगन का काम हटाकर 1.60 करोड़ रुपए में टेंडर कर दिया। अप्रैल 2023 में भवन का काम भी शुरू हो गया, जो अप्रैल 2025 में पूरा भी हो गया, लेकिन अभी कार्यालय शिफ्ट नहीं किया जाएगा। क्योंकि, भवन में पेयजल की व्यवस्था, रंगरोगन और फर्नीचर जैसी सुविधाएं ही नहीं हैं।
दो साल में 6 बीडीओ बदल गए। अब हालात ये है कि अफसर सुविधाओं के लिए अलग से टेंडर करने की तैयारी कर रहे हैं। क्योंकि अभी 1.94 करोड़ में से 34 लाख रुपए बच रहे हैं। जबकि मई-जून में यह कार्यालय कलेक्ट्रेट से यहां शिफ्ट करना था। भास्कर पड़ताल में इसके अलावा टेंडर की एक और गड़बड़ी सामने आई। टेंडर 21.21 प्रतिशत कम दर पर जयपुर की जय बाबा कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया था। जिसने नियमों को दरकिनार कर स्थानीय ठेकेदार भरत परमार को पेटी कांट्रेक्ट पर काम दे दिया। इसमें भी अफसरों ने दबाव बनाकर स्थानीय ठेकेदार से सेनेटरी का 12 लाख रुपए का काम करा दिया। अब बिना टेंडर के उसका
भुगतान नहीं हो पा रहा है। अधूरा पंंचायत समिति भवन। अब सड़क बनाएंगे। बीडीओ मनोज दोसी ने माना कि एक ही टेंडर में सभी काम करवाने चाहिए थे। पर्याप्त राशि भी थी। उन्होंने कहा- अब तक 6 बीडीओ बदल चुके हैं। अब हमारे पास विकल्प नहीं है। हम अलग-अलग स्वीकृतियां निकालकर भवन का शेष काम पूरा करेंगे और जल्द ही कार्यालय वहां शिफ्ट किया जाएगा। 1.60 करोड़ में टेंडर 34 लाख राशि बची 12 लाख सेनेटरी पर खर्च होंगे 10 लाख रंग-रोगन खर्च करने होंगे 20 लाख फर्नीचर का काम होगा अधिकारियों की प्राथमिकता भी सवालों के घेरे में है।
पहले भवन में फर्नीचर, सेनेटरी और रंग-रोगन की स्वीकृति निकालनी थी, ताकि भवन उपयोग में आ सके, लेकिन इन्होंने एप्रोच रोड और बाउंड्रीवाल के लिए पहले ही 15-15 लाख की स्वीकृति निकाली। भास्कर ने एक ठेकेदार से अन्य सुविधाएं पूरी करने का खर्च निकाला तो 12 लाख सेनेटरी, 10 लाख रंगरोगन और 20 लाख रुपए खर्च होंगे। यानी अब सुविधाओं को पूरा करने के लिए 34 की बजाय 42 लाख रुपए खर्च करने होंगे।
