बांसवाड़ा में मॉक ड्रिल, बांध पर आतंकी हमला:गोलीबारी, ड्रोन अटैक में कई लोग घायल; 20 लोग घायल, 5 गंभीर को जिला अस्पताल पहुंचाया

बांसवाड़ा जिले में ऑपरेशन शील्ड के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन कागदी बांध पर ठीक 5 बजे किया गया। इसमें थीम यह रखी गई कि बांध पर हवाई हमले किए गए। इस हमले में 20 लोग घायल हुए। इसमें 5 गंभीर घायल हुए। जिन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया शेष को बांध पर ही बने अल्टरनेटिव केंद्र पर इलाज किया गया। मॉक ड्रिल में 6 मिनट पर सबसे पहले सिविल डिफेंस की टीम पहुंची उसके बाद पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन पहुंचा। करीब 10मिनट बाद फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची। जिसकी सबसे पहले जरूरत थी वो चिकित्सा विभाग की टीम 26 मिनिट पर पहुंची। तब तक गंभीर घायल चीखते चिल्लाते रहे। अस्पताल पहुंचने पर जिला प्रशासन और पुलिस टीम व्यवस्थाओं को देखने के लिए पहुंची।
भारत-पाकिस्तान के बीच बना हुआ है तनाव
दरअसल, 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद 7 मई को भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाक में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। सेना ने 100 आतंकियों को मार गिराया था। इसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया था। इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है।
अपडेट्स
जिला अस्पताल में गंभीर घायलों को लाया गया। जहां डॉक्टरों की टीम मौके पर ही मौजूद रही। साथ ही नर्सिंग स्टाफ भी तैनात रहा।
मॉक ड्रिल ठीक शाम 5 बजे शुरू हुई। शुरू में पुलिस और सिविल डिफेंस की टीम तो पहुंची लेकिन जहां ब्लास्ट हुए वहां आग बुझाने के लिए फायर टीम को पहुंचने में 20 मिनट का समय लगा।
मॉक ड्रिल ठीक शाम 5 बजे शुरू हुई। शुरू में पुलिस और सिविल डिफेंस की टीम तो पहुंची लेकिन जहां ब्लास्ट हुए वहां आग बुझाने के लिए फायर टीम को पहुंचने में 20 मिनट का समय लगा।
मॉक ड्रिल यानी एक तरह की "प्रैक्टिस" जिसमें हम यह देखते हैं कि अगर कोई इमरजेंसी (जैसे एयर स्ट्राइक या बम हमला) हो जाए, तो आम लोग और प्रशासन कैसे और कितनी जल्दी रिएक्ट करता है।
ब्लैक आउट एक्सरसाइज का मतलब है कि एक तय समय के लिए पूरे इलाके की लाइटें बंद कर देना। इसका मकसद यह दिखाना होता है कि अगर दुश्मन देश हमला करे, तो इलाके को अंधेरे में कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है। इससे दुश्मन को निशाना साधने में मुश्किल होती है।
