7 माह बाद बुलाई गई बैठक, बीडीओ के जवाब से उखड़े जनप्रतिनिधि, बोले: करोड़ों का गबन करते हो, बैठक में समोसे खाने के लिए नहीं आते

छोटी सरवन पंचायत समिति की बैठक में शुक्रवार को खूब हंगामा हुआ। पहले तो बैठक तय समय से एक घंटे बाद शुरू हुई। इसके बाद बीडीओ ने बैठक नहीं बुलाने के कारणों को लेकर सदन को गुमराह करने की कोशिश की। उन्होंने पहले तो कोई जवाब नहीं दिया। बाद में कोरोना का कारण बताते हुए पल्ला झाड़ने की कोशिश की। इससे बैठक कार्रवाई शुरू होने से पहले ही माहौल बिगड़ गया। पंचायत समिति सदस्य मानसिंह निनामा तो ये तक बोल बैठे कि यहां करोड़ों का गबन होता है। इसलिए जिम्मेदार बैठक से बचते हैं। कहीं उनकी पोल सबके सामने नहीं खुल जाए। तभी जिला प्रमुख रेशम मालवीया ने माहौल शांत कराने के प्रयास किए। उन्होंने बीडीओ खातुराम को आगे से समय पर बैठक बुलाने के लिए पाबंद किया। इस दौरान एसडीएम मनोज सोलंकी भी जनप्रतिनिधियों के साथ दिखाई दिए। वह भी बीडीओ को इस मामले में हिदायत देते दिखाई दिए।

फिर कहां गया पोषाहार
मौके पर एक बार फिर माहौल तब खराब होता हुआ दिखा, जब महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से क्षेत्र में संचालित 132 आंगनबाड़ी केंद्रों पर जून तक पोषाहार वितरित किए जाने की जानकारी दी गई। जनप्रतिनििधयों ने इसका विरोध किया और बोले कि जब कोविड में आंगनबाड़ी ही बंद थी तो पोषाहार सामग्री कहां वितरित की गई। इस पर विभाग की सीडीपीओ ने जवाब दिया कि लोगों को घर-घर जाकर पोषाहार दिया गया है। दनाक्षरी सरपंच कालूराम मईड़ा बोले कि सिर्फ खानापूर्ति के लिए किसी बच्चे को आधा किलो गेहूं दे दिया होगा। पंचायत समिति सदस्य निशा कटारा ने गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पोषाहार नहीं मिलने की बात कहते हुए नाराजगी जताई।

बीच बचाव में जुटे बीडीओ
जनप्रतिनिधियों से सीडीपीओ को घिरता हुआ देख बीडीओ खातुराम बचाव में जुट गए। उन्होंने कहा कि किसी आंगनवाड़ी में पोषाहार वितरित नहीं हुआ हो तो बताओ। इसकी जांच करा लेंगे। बीडीओ ने सरपंच को जवाब दिया कि वह जानबूझकर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। इस बीच जिला प्रमुख रेशम मालवीया ने एक बार फिर मोर्चा संभाला और उचित जांच कराने के निर्देश दिए। दूसरी ओर जिला परिषद सदस्य बसन्ती देवी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका की भर्ती में गड़बड़झाले के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सुपरवाइजर और सरपंच दोनों ने मिलकर पात्र लोगों को व्यवस्था से बाहर कर दिया है। सदस्य ने चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए एक बार फिर से व्यवस्था सुधारने की बात कही।
समोसे खाने के लिए नहीं आते
इधर, सड़क सुधार को लेकर पीडब्ल्यूडी के एईएन जगदीश पाटीदार ने छोटी सरवन ब्लॉक स्तर पर स्वीकृत हुई सड़क और पेचकार्य की जानकारी दी। तभी सरपंच संघ के नजरसिंह कटारा ने कहा कि एक साल से पीडब्ल्यूडी कार्य विशेष के लिए बजट स्वीकृत होना बता रहा है, लेकिन सच है कि शिकायत के बाद भी यहां की पुलिया का सुधार नहीं हुआ है। एईएन पाटीदार ने कहा कि इसकी स्वीकृति मिल चुकी है। इस पर कटारा ने इसकी कॉपी मांगी। जवाब में बीडीओ ने कॉपी होने से इनकार कर दिया। जवाब में पंचायत समिति सदस्य निनामा दूसरी बार नाराज होते दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार केवल स्वीकृति होना बताते हैं। कॉपी देते नहीं हैं। वह यहां पर समोसे खाने के लिए नहीं आते हैं।
नहीं के बराबर चेहरों पर मास्क
छोटी सरवन पंचायत समिति की बैठक में खास बात यह देखने को मिली की समाज का नेतृत्व करने वाले अधिकांश जनप्रतिनिधि बिन मास्क के बैठक में मौजूद थे। कोरोना की आशंकित तीसरी लहर को देखते हुए सीटों के बीच स्पेस भी कम था। कुछ जिला परिषद के अधिकारी और जिम्मेदारों के चेहरे पर मास्क था तो भी वह नाक से नीचे उतरा हुआ था।
