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बेकरिया थाना क्षेत्र का मामला: हाईवे पर कट गलत, संकेतक भी नहीं, 3 माह से एक लेन में दोनों तरफ का ट्रैफिक

Banswara
बेकरिया थाना क्षेत्र का मामला: हाईवे पर कट गलत, संकेतक भी नहीं, 3 माह से एक लेन में दोनों तरफ का ट्रैफिक
@HelloBanswara - Banswara -

बेकरिया थाना क्षेत्र में पिंडवाड़ा हाईवे पर टैंपों में सवार पांच लोगों की दर्दनाक मौत और 10 के घायल होने में सीधे तौर पर ट्रेलर की टक्कर को भले ही जिम्मेदार माना जा सकता है, लेकिन हाईवे अथॉरिटी भी कम जिम्मेदार नहीं है। भास्कर ने मौके पर पड़ताल की तो सामने आया कि हाईवे पर मालवा का चोरा गांव के लिए कट है, लेकिन इसे बताने के लिए न तो कोई साइन बोर्ड लगा है, न ही ढलान और चेतावनी का कोई संकेतक है।

यह कट भी नियमानुसार नहीं है। यह घोर लापरवाही तब है, जबकि पुलिया क्षतिग्रस्त होने के कारण इस गांव के पास ही करीब तीन माह से हाईवे की एक ही लेन पर दोनों तरफ का यातायात भी चल रहा है। ऐसे ही कट के कारण अजमेर हाईवे पर 20 दिसंबर को एलपीजी टैंकर अग्निकांड जैसा भयानक हादसा हो चुका है। इस हादसे में दर्जनों वाहन जल गए थे और 13 मौतें व कई लोग झुलस गए थे।

पिंडवाडा हाईवे का यह कट 5 मीटर का है, जबकि रोड कांग्रेस के नियमानुसार यह 15 से 20 मीटर का होना चाहिए। ढलान की चेतावनी नहीं होने का ही नतीजा रहा कि ट्रेलर अपनी गति पर नियंत्रण नहीं रख पाया और आगे चल रहे टैंपों को रौंद दिया। कट छोटा होने के साथ संकेतक नहीं होने तथा ढलान में वाहन तेजी से निकलते हैं।

10 घायलों में तीन गंभीर, इनमें एक बच्ची और दो महिलाएं एमबी अस्पताल अधीक्षक आरएल सुमन ने बताया कि 10 घायलों में से 8 उनके यहां भर्ती हैं। घायल गुड्‌डी व आदित्य अन्य अस्पतालों में हैं। 8 घायलों में से 5 वर्षीय गीता, 20 वर्षीय अनीता, 35 वर्षीय नवी की हालत गंभीर है। उन्हें ट्रोमा वार्ड के आईसीयू में भर्ती किया गया है।

तीनों के इलाज के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों का दल गठित कर दिया गया है। हादसे की जानकारी मिलते ही हाईवे पेट्रोलिंग टीम, पुलिस मौके पर पहुंची। 108 एंबुलेंस के पायलट मोहम्मद शहजाद और ईएमटी महावीर मौके पर पहुंचे। घायलों को अस्पताल लाए। पुलिस उपाधीक्षक राजेंद्र सिंह ने बताया कि हादसे के बाद एडिशनल एसपी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा, कोटड़ा एसडीएम हंसमुख, डीएसपी राजेंद्र सिंह और गोगुंदा थाना प्रभारी शैतानसिंह भी पहुंचे।

सवाल : चित्तौड़ हाईवे पर बंद किए कट, यहां क्यों छोड़े?

जयपुर में हुए गैस टैंकर अग्निकांड के बाद हाईवे अथॉरिटी ने उदयपुर-चित्तौड़गढ़ हाईवे पर 50 से ज्यादा अवैध कटों को बंद कराया था। इसके लिए 26 दिसंबर से अभियान चलाया गया था। ऐसे में सवाल यह है कि जब उस हाईवे पर अभियान चलाया गया तो इसे क्यों छोड़ दिया गया। मालवा का चोरा के पास हाईवे पर निर्माण कार्य भी चल रहा है, लेकिन निर्माण कार्य प्रगति पर है-जैसा साइन बोर्ड भी नहीं है। बेकरिया थाने के प्रभारी उत्तम सिंह ने बताया कि हाईवे में खामियों को लेकर अथॉरिटी के अफसरों को लगातार पत्र लिखे जा रहे हैं, लेकिन कोई गंभीर नहीं है।

अनदेखी...फाइव सीटर ऑटो में 15-15 सवारियां इस इलाके में 5 सीटर ऑटो 15-15 सवारियां लेकर बेरोकटोक दौड़ते रहते हैं, लेकिन न पुलिस कोई कार्रवाई करती है, न परिवहन विभाग। साल में एक-दो बार जरूर खानापूर्ति की जाती है। हादसे का शिकार हुए 5 सीटर ऑटो में भी चालक ने 15 सवारियां बिठा रखी थीं।

परिवहन विभाग ने हादसे वाली जगह कट की चौड़ाई कम होने, साइन बोर्ड नहीं होने, डब्ल्यूबीम क्रेश बैरियर नहीं होने जैसी खामियों को मानते हुए प्रदेश सरकार को रिपोर्ट भेजी है। विभाग के अनुसार ट्रेलर के डॉक्यूमेंट तो पूरे हैं, लेकिन टैंपों नंबर अारजे27-पीबी-2435 का बीमा नहीं है। हादसे के बाद टैंपो चालक भी घायल हुआ, लेकिन घबराहट में वह मौके से फरार हो गया।

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