क्षमता 80 मरीजों काे ऑक्सीजन देने की, भर्ती हुए 148 संकट आया ताे प्रशासन ने छापे मारे; 8 सिलेंडर मिले
स्थानीय एमजी अस्पताल में बुधवार काे ऑक्सीजन काे लेकर बड़ा संकट खड़ा हाे गया। इस अस्पताल में काेविड आईसीयू वार्ड सहित कुल 80 राेगियाें काे ही ऑक्सीजन दिए जाने की क्षमता है। जबकि ऑक्सीजन की जरूरत वाले 148 राेगियाें काे भर्ती कर लिया। अचानक ऑक्सीजन सिलेंडर का संकट खड़ा हाे गया। राजसमंद व निंबाहेड़ा से ऑक्सीजन सिलेंडर आने में कई घंटे लगने थे।
ऐसे में जिले में ऑक्सीजन व्यवस्था के प्रभारी पर्वतसिंह चुंडावत ने दाे टीमें गठित कर छापेमार कार्रवाई शुरू की। एक टीम डीएसपी गजेंद्र सिंह राव सहित अन्य कार्मिक वजवाना स्थित माही सीमेंट पर पहुंचे। गढ़ी एसडीएम व थाना प्रभारी काे भी सूचित कर माैके पर बुलवाया गया। वहां तलाशी के दाैरान 10 ऑक्सीजन सिलेंडर मिले, जिनमें से 7 भरे थे।
एसडीएम चुंडावत ने इन सभी सिलेंडर्स काे जब्त कर लिया। साथ ही फैक्ट्री प्रबंधन काे सरकार के आदेशाें से अवगत दिया कि सभी इंडस्ट्रीयल ऑक्सीजन काे मेडिकल ऑक्सीजन घाेषित कर दिया है। इस बीच तहसीलदार एलएन सिंह के नेतृत्व में दूसरी टीम ने शहर के आस-पास के औद्याेगिक क्षेत्राें में छापे मारे ताे एक स्थान पर भरा हुआ ऑक्सीजन सिलेंडर मिल गया। उसे भी जब्त कर लिया गया। इस तरह 8 सिलेंडर मिले ताे प्रशासन ने राहत की सांस ली।
इसलिए आया संकट
80 से नीचे सेचुरेशन होने पर जरूरी होती है ऑक्सीजन, नए मरीज ऐसे ही ऑक्सीजन जिला प्रभारी एसडीएम पर्वतसिंह चूंडावत ने बताया कि जिन राेगियाें के ऑक्सीजन का लेवल 80 से नीचे चला जाता है। उन्हें वेंटिलेटर और अत्यधिक मेडिकल केयर की आवश्यकता हाेती है।
इस तरह के उपचार की सुविधा स्थानीय एमजी अस्पताल में नहीं है। इसके बावजूद 80 से नीचे के ऑक्सीजन लेवल वाले राेगियाें काे रैफर नहीं किया। एक वेंटिलेटर पर लगभग दाे घंटे में एक ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हाे जाता है। यह भी ऑक्सीजन का संकट हाेने का प्रमुख कारण रहा।