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भाजपा जीती तो भूरी, कांग्रेस में कांता प्रधान दावेदार, गुटबाजी का संघर्ष

Banswara
भाजपा जीती तो भूरी, कांग्रेस में कांता प्रधान दावेदार, गुटबाजी का संघर्ष
@HelloBanswara - Banswara -

पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी से मुश्किल में दिख रही कांग्रेस, प्रधान पद काे लेकर भाजपा में भी हाे सकती है खींचतान, तीन सीटों पर बागी भी निर्दलीय मैदान में उतरे

 

पंचायत समिति गढ़ी कांग्रेस का मजबूत गढ़ रही है। वर्ष 1956 से 2015 तक यहां कांग्रेस का प्रधान रहा है, लेकिन आपसी फूट से पिछले पंचायत चुनावाें में भाजपा ने इसे फतेह कर लिया। इस बार के पंचायत चुनावाें में कांग्रेस से प्रधान पद की दावेदार कांता भील के सामने इस गढ़ काे भाजपा से छीनना बड़ी चुनाैती है। यहां पहले से गुटबाजी के कारण कांग्रेस कमजाेर हाे चुकी है।

गुटबाजी ताे दूर नहीं हुई, पंचायत चुनावाें में हुए टिकट वितरण ने पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं काे और नाराज कर दिया। इस विधानसभा क्षेत्र में गढ़ी, अरथूना व तलवाड़ा तीन पंचायत समितियां हैं। कांता ने कांग्रेस का बाेर्ड बनने की स्थिति में इन तीनाें पंचायत समितियाें में प्रधान का पद अपने परिवार के नाम आरक्षित करा लिया है।

वह पंचायत समिति सदस्य का चुनाव लाेहारिया से लड़ कर गढ़ी प्रधान पद पर स्वयं की दावेदारी रख रही हैं। इधर, कई वार्डाें में मजबूत दिख रही भाजपा में भी प्रधान पद काे लेकर खींचतान सामने आ रही है। भाजपा से गढ़ी विधायक कैलाश मीणा अपनी पुत्रवधु अनिता काे पंचायत समिति सदस्य का चुनाव लड़वा रहे हैं। घाेषित रूप से उसे प्रधान प्रत्याशी के रूप मेें प्रचारित किया जा रहा है।

जबकि भाजपा से पुराने कार्यकर्ता कमलाशंकर चरपाेटा की पत्नी भूरी भी प्रधान पद की दावेदार है। उसे अपने वार्ड में कांग्रेस के अलावा दाे निर्दलीय प्रत्याशियाें की चुनाैती का भी सामना करना पड़ रहा है। टिकट कटने से नाराज बागी हुए नेता भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। गाेपीनाथ का गढ़ा में भाजपा बागी विक्रम सिंह मजबूती के साथ चुनाव मैदान में डटे हैं।

पंचायत समिति गढ़ी में पिछले पंचायत चुनावों के समय 27 वार्ड थे, जाे अब घटकर 25 रहे गए। पुनर्गठन में दाे वार्ड नगरपालिका क्षेत्र में चले गए। यहां 25 वार्ड हैं, जिनमें से 13 वार्ड पुरूषाें के लिए व 12 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित है।

4 जिला परिषद सदस्याें काे चुनती है पंचायत समिति गढ़ी
गढ़ी पंचायत क्षेत्र में जिला परिषद सदस्य की 4 सीटें वार्ड 6, 7, 9, व 10 हैं। इनमें से वार्ड 6 व 9 पंचायत समिति गढ़ी की ही हैं, वहीं 7 व 10 में पंचायत समिति अरथूना व गढ़ी दाेनाें की ग्राम पंचायतें हाेने से संयुक्त है। पिछले पंचायत चुनावाें में वार्ड 6, 7 व 10 कांग्रेस ने जीता था। भाजपा जिलाध्यक्ष गाेविंद सिंह राव वार्ड 9 से जिला परिषद सदस्य चुने गए थे। वार्ड 7 से निर्वाचित कांग्रेस प्रत्याशी संताेष पाटीदार का राजकीय सेवा में चयन हुअा ताे उसने जिला परिषद की सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया। इसके बाद यहां हुए उपचुनावाें में भाजपा की उर्मिला ने कांग्रेस से यह सीट छीन ली।

इस बार भाजपा गढ़ी क्षेत्र से जिला प्रमुख का प्रत्याशी देकर चाैंका सकती है। भाजपा जिलाध्यक्ष गाेविंद सिंह राव ने बताया कि गढ़ी क्षेत्र के वार्ड 10 से चुनाव लड़ रहे धर्मेंद्र राठाेड़ जिला प्रमुख के दावेदार हाे सकते हैं। उन्हाेंने बताया कि धर्मेंद्र 2008 में भाजपा टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनावाें में भी टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन टिकट नहीं मिला। वर्तमान में भाजपा जनजाति माेर्चा के जिलाध्यक्ष हैं। पूर्व में राजस्थान जनजाति अायाेग के सदस्य रह चुके हैं। भाजपा युवा माेर्चा के अध्यक्ष रहने के साथ ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री व गाेविंद गुरू राजकीय महाविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं। राठाैड़ का कहना है कि इस बार भाजपा पूरी तरह संगठित हाेकर चुनाव लड़ रही है। जबकि कांग्रेस में नीचे से लेकर ऊपर तक वंशवाद है।

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