कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी पूरी करने 17 प्लांट लगाये, अब बिजली बिल भारी, इसलिए कामर्शियल उपयोग में लेंगे
कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी पूरी करने 17 प्लांट लगाए, अब बिजली बिल भारी, इसलिए कॉमर्शियल उपयोग में लेंगे
बांसबाड़ा सहित समेत प्रदेशभर के अस्पतालों में लगे ऑक्सीजन प्लांट को पीपीपी मोड पर चलाने की तैयारी की जा रही है। यह फैसला इसलिए क्योंकि ऑक्सीजन की खपत कम हो रही है और प्लांट में उत्पादन अधिक होने के कारण बिजली के बिल भरने मुश्किल हो रहे हैं। ऐसे में ऑक्सीजन के कॉमर्शियल उपयोग से सरकार व अस्पतालों का रेवेन्यू बढ़ाने पर त्रिचार कर रही है। कोरोना की दूसरी लहर में जहां स्थानीय सहित प्रदेश और देशभर में ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर मारामारी देखने को मिली। सरकार ने तीसरी लहर से निबटने के लिए हर सीएचसी और कई पीएचसी स्तर पर प्लांट लगा दिए, लेकिन तीसरी लहर नहीं आई और अब यही प्लांट अस्पताल प्रबंधन के लिए सिरदर्द बन गए हैं। क्योंकि इनके संचालन का खर्च अधिक होने लगा है। विभागीय जानकारी अनुसार शुरुआत में पीएम केयर फंड के प्लांट जद्यं-जहां स्थापित हैं वहां उसे पीपीपी मोड पर संचालित किया जा सकता है। बाद में अन्य प्लांट पर निर्णय लिया जाएगा।
फायदा...हर दिन जिले में 3550 लीटर प्रति मिनट उत्पादन की क्षमता
जिले में 17 आक्सीजन प्लांट हैं। सभी की मिलाकर उत्पादन क्षमता देखें तने 3550 लीटर प्रति मिनट उत्पादन कर सकते हैं। हर दिन 729 सिलेंडर भरे जा सकते हैं। जबकि, इतनी जरूरत नहीं है। आक्सीजन की कमी के कारण जिलेभर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल रैफर किया जाता है। जिला अस्पताल में ही दिन के अपास्त 4-6 सिलेंडर की आवश्यकत पड़ती है। ऐसे में यहां जरुरत की तुलना में उत्पादन कई गुना अधिक हो रहा है। इसके अलाबा भी प्लांट में तकनीकी खराबी होने पर इंजीनियर के अभाव में उसे ठीक करना मुश्किल होता है। यही कारण है कि कई सीएचसी में प्लांट बंद पड़े हैं।
पीपीपी पर चलाने की यह है बड़ी वजह
* ऑक्सीजन प्लांट संचालन में लाखों का बिजली खर्च।
» अस्पताल में ऑक्सीजन की जरूरत घटी।
« संचालन के लिए अतिरिक्त स्टाफ की आवश्यकता।
» संचालन नहीं होने पर तकनीकी खराबी का अंदेशा।
» पीपीपी मोड से सरकार व अस्पताल को आय
जिले में कुशलगढ़ में स्थापित है पीएम केक प्लांट
जिले के कुशलगढ़ सीएससी में पीएम केयर फंड से प्लांट इंस्टाल किया गया था। इस प्लांट की क्षमता 1000 लीटर प्रति मिनट उत्पादन की है। यानि हर दिन 144000 की क्षमता, जिससे प्रतिदिन 222 सिलेंडर भरे जा सकते हैं। कुशलगढ़ में सांसद मद से भी 80 लीटर प्रति मिनट उत्पादन क्षमता का प्लांट संचालित है।
इंजीनियर नहीं, रिपेयर तक नहीं हुए
# ऑक्सीजन प्लांट का संचालन कई जगहों पर नहीं हो रहा है। कई सीएचसी में तो बिजली के बिल पेंडिंग चल रहे हैं। वहीं कुछ जगहों पर खराबी है और इंजीनयर नहीं होने के कारण रिपेयर नहीं हो पा रहे हैं। पीपीपी मोड पर चलाने के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा हुई थी। अब कब आदेश आता हैं यह अभी नहीं कह सकते! -डॉ. राहुल डिंडोर, डिप्टी सीएमएचओ, बांसवाड़ा