खुद के चार प्लांट बंद रखकर भिवाड़ी से हर माह खरीद रहे औसत 1 लाख की ऑक्सीजन
जिले के सबसे बड़े महात्मा गांधी अस्पताल में ऑक्सीजन खरीदने में गड़बड़ी सामने आई है। अस्पताल में कोरोना काल में 4 ऑक्सीजन प्लांट लगाए थे। इनकी हर एक मिनट में 1100 लीटर ऑक्सीजन बनाने की क्षमता है। यह ऑक्सीजन 200 बेड पर 24 घंटे सप्लाई कर सकते हैं। इसके बावजूद एमजी अस्पताल प्रबंधन भिवाड़ी ( अलवर) की आईनॉक्स एअर प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड से हर माह एक लाख रुपए की ऑक्सीजन मंगवाकर यहां के लिक्विड प्लांट में भरकर अस्पताल में सप्लाई कर रहा है।
350 बेड वाले इस अस्पताल में 200 बेड ऑक्सीजन सपोर्टेड हैं। यह के 4 प्लांट से बनने पर ऑक्सीजन की मात्रा सभी 200 बेड पर खपत के अनुसार दोगुनी तक हो सकती है, लेकिन इन प्लांट को पूरी तरह से नहीं चलाकर लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट से भिवाड़ी की ऑक्सीजन खरीदकर सप्लाई की जा रही है। बाहर से ऑक्सीजन खरीदने पर हर माह औसतन एक लाख रुपए तक खर्च किया जाता है। अस्पताल प्रबंधन की माने तो लिक्विड ऑक्सीजन का टेंडर जयपुर स्तर से किया गया है। बड़ा सवाल यह है कि जब अस्पताल प्रबंधन के पास ऑक्सीजन बनाने के स्वयं के 4 प्लांट हैं तो बाहर से ऑक्सीजन मंगाने की जरूरत क्या है? दिनंाक मात्रा (किलो) एमजी अस्पताल में चालू स्थिति में एक आक्सीजन प्लांट। ^एमजी अस्पताल में कोरोना काल में चार ऑक्सीजन प्लांट लगाए थे। सभी चालू हालत में हैं।
लिक्विड ऑक्सीजन का टेंडर जयपुर से हुआ है। सप्लाई भी वहां से आती है। चारों प्लांट 7-7 दिन के लिए अल्टरनेट चलाते हैं। इसका बिल भी खपत अनुसार जयपुर से ही बनता है। -डॉ. खुशपाल सिंह राठौड़, पीएमओ, एमजी अस्पताल, बांसवाड़ा दिनंाक मात्रा (किलो) भिवाड़ी से अॉक्सीजन मंगवाने के लिए जयपुर से हुए टेंडर के संदर्भ में एमजी अस्पताल का लिखा पत्र। 11.12.2023 8910 21.01.2024 9820 23.03.2024 6760 10.04.2024 8980 09.05.2024 9030 17.06.2024 10790 01.08.2024 8160 27.08.2024 8930 18.10.2024 9980