सांसों का प्लांट; 7 गैसों में से अलग करते हैं ऑक्सीजन, 1 सेकंड में 2.66 लीटर उत्पादन
(कंटेंट : चिराग द्विवेदी)
भास्कर एक्सपर्ट मुरारी कुमार झा, एरिया इंचार्ज, पूणे राजस्थान अाॅस्कर अगस्त एराेवर्क्स,
काेविड-19 की दूसरी लहर में मेडिकल अाॅक्सीजन की कमी के कारण लगातार मौत के मामले सामने अा रहे हैं। अाॅक्सीजन किल्लत हाेने से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। राज्य सरकार ने इस महामारी से निबटने के लिए प्रदेश के सभी जिलाें में 59 अाॅक्सीजन प्लांट स्थापित करने की घाेषणा की है। जिले में अभी एक अाॅक्सीजन प्लांट जिला अस्पताल में है। इसमें एक मिनट में 160 लीटर अाॅक्सीजन बन रही है। मरीजाें काे मशीनों के जरिए कृत्रिम अाॅक्सीजन पहुंचाई जा रही है। इसी से उनकी सांसे चल रही हंै। इस खबर में जानिए कि खुले वातावरण में मौजूद सभी गैसों में कैसे लिक्विड ऑक्सीजन तैयार की जाती हैं।
1 कंप्रेशर : वातावरण की अाॅक्सीजन काे एकत्रित करने के लिए प्लांट में कंप्रेशर का उपयाेग किया जाता है। यह वातावरण की अाॅक्सीजन काे कंप्रेस करने का काम करता है। जिला अस्पताल में दाे यूनिट कंप्रेशर लगे हुए हैं। ए अाैर बी। दाेनाें का अलग अलग उपयाेग किया जा रहा है। अाफ्टर कूलर हवा के तापमान काे कम करता है। जिसमें फिल्टर लगा हुअा है जाे पानी या नमी अाने पर उसे ड्रेन करता है।
2 ड्रायर : यह हवा काे सुखाता है। इसके बीच में जाे नमी, कण अाैर लिक्विड अाता है उसे बाहर फैंक देता है ताकि सूख सके।
3 फिल्टर : बेक्टिरिया फिल्टर, अाॅईल फिल्टर अाैर कार्बन टावर लगे हैं। ये फिल्टर अाॅईल, बेक्टिरिया अाैर बारिक अायरन काे राेकने काम करते हैं।
4 एयर रिसीवर टैंक : यह एक बड़ा टैंक है, जिसमें ज़रूरत के अनुसार हवा काे भरा जाता है। इसके बाद हवा काे पीएसए-प्रेशर स्विंग अाॅब्जर्व में भेजा जाता है। जहां हवा में से अाॅक्सीजन काे अलग किया जाता है। यहां से निरंतर अाॅक्सीजन बनती रहती है। दूसरी गैस एक फिल्टर के माध्यम से बाहर निकाल दी जाती है।
5 अाॅक्सीजन रिसीवर टैंक : ये क्षमता के अनुसार प्रेशर बनाए रखते हैं। उस टैंक के अंदर 400 से 500 लीटर तक का प्रेशर मेंटेन रहता है। यहीं प्रेशर हॉस्पिटल की ऑक्सीजन लाइन में जाता है। यदि लाइन में प्रेशर काे देखना है ताे उसके लिए फ्लाे मीटर भी लगा हुअा है।
6 सप्लाई प्वाॅइंट : यहां से सिलेंडरों में ऑक्सीजन को भरकर मरीजाें तक पहुंचाते हंै। इसके साथ-साथ यहां से अलग-अलग वार्डों में पाइपलाइन के जरिए भी ऑक्सीजन सप्लाई होती हैं।