काेराेना के रोगियों काे 95 फीसदी शुद्ध ऑक्सीजन देने की तैयारी, मिला 10 हजार लीटर का लिक्विड आक्सीजन टैंक
- जून में कोरोना की संभावित चौथी लहर से पहले राज्य सरकार ने शुरू की तैयारी
अब बांसवाड़ा के एमजी अस्पताल में भी लिक्विड ऑक्सीजन की सुविधा शुरू होने वाली है। सही मायनों में देखें तो यही मेडिकल ऑक्सीजन है। ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट्स से मिलने वाली ऑक्सीजन 90 प्रतिशत तक शुद्ध मिलती है, लेकिन निरंतर शुद्ध मिलती रहे, इसकी कोई गारंटी नहीं है।
जबकि, लिक्विड ऑक्सीजन 95 प्रतिशत तक शुद्ध होती है और इसकी शुद्धता में कमी नहीं आती है। इसीलिए गंभीर मरीजों को जल्द रिकवर करने के लिए मेडिकल ऑक्सीजन दी जाती है। पीएमओ डाॅ. रवि उपाध्याय ने बताया कि लिक्विड ऑक्सीजन के लिए 10 हजार किलो लीटर क्षमता का एक टैंक भी आ चुका है।
जिसके इंस्टाेलेशन का काम चल रहा है। एमजी अस्पताल में 450 लीटर, 350 लीटर, 165 लीटर और 165 लीटर क्षमता के चार ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट हैं। इनसे प्रति मिनट 1000 लीटर से भी ज्यादा ऑक्सीजन बन रही है। इन चाराें का मैनीफाल्ड रूम यानि कंट्राेल रूम है। इसे कंट्राेल रूम से जाेड़ा जाएगा। इसी टैंक से ऑक्सीजन की सप्लाई की जाएगी। टैंक में लिक्विड ऑक्सीजन काे गैस में कंनर्ट कर देगा और यह जरुरत के हिसाब से ऑटाे माेड पर पाइप लाइन के जरिये मरीज तक पहुंच जाएगी।