साइबर अपराधों पर अाॅनलाइन प्रशिक्षण में 1200 अधिवक्ता जुड़े

विधिक सेवा प्राधिकरण की अाेर से साइबर अपराधाें पर अधिवक्ताअाें काे एक दिवसीय वर्चुअल प्रशिक्षण दिया गया। जिसकी शुरुआत रालसा के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायाधिपति संगीत लोढ़ा ने की।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में तकनीक आम लोगों के जीवन का अभिन्न अंग हो गई है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रही है लेकिन तकनीक के बढ़ते प्रभाव के साथ-साथ साइबर अपराधों के मामले भी दिनोंदिन बढ़ते जा रहे है। ऐसे में सोशल मीडिया आॅनलाइन लेनदेन के समय किसी प्रकार के साइबर अपराध से बचने के लिए आम लोगों में अपराधों के प्रति जागरूक होना जरुरी है। उन्होंने ‘साइबर अपराध और साइबर सुरक्षा’ पर बुकलेट अाैर ‘सोशल मीडिया व सुरक्षा’ पर ब्रोशर का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में साइबर कानूनाें के विशेषज्ञ नीशित दीक्षित ने ‘साइबर क्राइम व साइबर कानून’ विषय पर, सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी डाॅ. सीबी शर्मा ने ‘सूचना प्रौद्योगिकी के सुरक्षित उपयोग व विवाद निस्तारण प्रक्रिया’ अाैर प्रोफेसर कॅरिअर पोइन्ट युनिवर्सिटी कोटा से डाॅ. नीतू नुवाल ने ‘महिलाओं के विरुद्ध साइबर अपराध’ विषयों पर जानकारी साझा की। इन विशेषज्ञों द्वारा साइबर क्राइम के विभिन्न तरीकों जैसे, आॅनलाइन फ्राॅड, कार्ड क्लोनिंग, एटीएम फ्राॅड, हैकिंग, पोर्नोग्राफी, चाइल्ड पोर्नोग्राफी सरीखे विषयों के बारे में जानकारी दी। साथ ही सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के बारे में बताते हुए इन अपराधों से बचाव के लिए बरती जाने वाली सावधानियों से अवगत करवाया। कार्यक्रम से रालसा के सदस्य सचिव ब्रजेन्द्र कुमार जैन, निदेशक अर्चना मिश्रा, सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिव अाैर लगभग 1200 अधिवक्ता आॅनलाइन जुड़े। बांसवाड़ा में माही काॅलाेनी स्थित एडीआर भवन से प्राधिकरण सचिव देवेंद्र सिंह भाटी, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नंदलाल पुरोहित, सचिव हेमेंद्रनाथ पुरोहित, वरिष्ठ अधिवक्ता शाहबाज खान, भगवतपुरी सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम से आॅनलाइन जुड़े।
