अब रैफर पर रैफर:गर्भ में बच्चे की माैत के 5 दिन बाद भी नहीं हो सका प्रसव
एमजी अस्पताल में ढाई दिन भर्ती रखने के बाद डाॅक्टराें ने यूट्रस में कॉम्पलिकेशन बताते हुए उसे रैफर किया। दरअसल, दानपुर बारी की नर्षा काे 20 सप्ताह का गर्भ है। 12 जून काे पीड़ा हाेने पर परिजन उसे दानपुर के सरकारी अस्पताल में ले गए। जहां जांच में पता चला कि गर्भ में बच्चे की माैत हाे चुकी है। दाे दिन भर्ती रखने के बाद भी प्रसव नहीं हाेने पर नर्षा काे रैफर कर दिया गया। इस पर 14 जून काे नर्षा काे एमजी अस्पताल भर्ती कराया गया।
यहां नर्षा का सामान्य प्रसव के जरिये गर्भपात की काेशिशें की गईं, लेकिन ढाई दिन बाद प्रसव नहीं हुआ। 16 जून शाम काे नर्षा काे उदयपुर के लिए रैफर किया गया। इलाज करने वाले वरिष्ठ स्त्रीराेग विशेषज्ञ डाॅ.ओ.पी. उपाध्याय का कहना है कि विशेषज्ञाें की देखरेख में नर्षा का सामान्य प्रसव कराने की काेशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। यूट्रस में काॅप्लिकेशन की आशंका है। इसलिए सर्जिकल इंटरवेंशन काे देखते हुए रैफर किया है।
पीड़िता नर्षा के भाई विजयलाल ने बताया कि दानपुर से रैफर करने पर बहन काे बांसवाड़ा के निजी अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन निजी अस्पताल के बाहर सरकारी डाॅक्टर मिले। उन्हाेंने कहा कि उनकी डाॅ. प्रदीप से बात हाे चुकी है। एमजी अस्पताल में इलाज हाे जाएगा। इसके बाद वह बहन काे एमजी अस्पताल ले गए। जहां डाॅ. अमित वगेरिया ने जांच की। भास्कर ने डॉ. वगेरिया का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
ऐसे में सवाल यह है कि निजी अस्पताल से एमजीएच जाने को कहा? डॉ. प्रदीप शर्मा ने कॉल पर एमजी अस्पताल के किस डॉक्टर से बात की थी? यह जांच का विषय है। विजयलाल ने कहा कि उनका सरकारी अस्पताल से भराेसा ही उठ चुका है। उपचार के लिए गुजरात जाएंगे। आरोपी डॉक्टर को जेल भेजा : रिश्वत के आराेपी डाॅक्टर प्रदीप शर्मा काे एसीबी ने काेर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। एसीबी इस केस में परिवादी की ओर से लगाए गए गंभीर आराेपाें की जांच में जुटी है।