रतलाम-बांसवाड़ा-डूंगरपुर लाइन का काम लंबे समय से बंद, जमीन अवाप्ति भी पूरी नहीं, आरओबी भी टूटने लगे
रतलाम-बांसवाड़ा- डूंगरपुर रेलवे लाइन के लिए तहसील डूंगरपुर में तिजवड़, भैखला आदि गांवों में भूमि अवाप्त हो गई है। सागवाड़ा क्षेत्र की भूमि अवाप्त नहीं हुई है। डूंगरपुर तहसील क्षेत्र में ट्रेक बिछाने के लिए आरओबी, आरयूबी और छोटे ब्रिज के स्ट्रक्चर खड़े कर दिए थे। बांसवाड़ा में भी कुछ स्थानों पर भूमि अवाप्त कर स्ट्रक्चर खड़े किए थे। पहाड़ियों को काटकर ट्रैक बिछाने का काम होना बाकी है।
गणाऊ में ट्रैक के लिए मिट्टी बिछा दी, आरओबी खड़े कर दिए, लेकिन पहाड़ी काटकर टनल नहीं बनाई। अब वहां लोग खेती कर रहे हैं और आरओबी में पशु बांधते हैं। रतलाम जिले में गुड़भेड़ी, फतेहपुरिया, पाटड़ी, सैलाना व शिवगढ़ में भी आरओबी, आरयूबी व कुछ छोटे पुलों के स्ट्रक्चर खड़े किए थे। करीब 10 वर्ष पहले राज्य सरकार को भूमि अवािप्त के लिए बजट नहीं होने का कहकर बजट नहीं दिया। इसके बाद से काम बंद है।
भास्कर संवाददाता | बांसवाड़ा बांसवाड़ा के रास्ते अब राजस्थान की मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र से रेल कनेक्टिविटी और बढ़ने जा रही है। बांसवाड़ा से मंदसौर 120 किमी नई रेल लाइन बिछाने का काम शुरू किया जाएगा। अभी बांसवाड़ा होकर डूंगरपुर-रतलाम रेल लाइन प्रस्तावित है।
मंदसौर वाली नई रेल लाइन को प्रतापगढ़ और घाटोल होकर बांसवाड़ा से कनेक्ट किया जाएगा। इस नई रेल लाइन से अब तक अछूता प्रतापगढ़ और घाटोल क्षेत्र के आदिवासी सीधे रेल नेटवर्क से जुड़ जाएंगे। इस नई रेल लाइन से बांसवाड़ा की मंदसौर से सीधे कनेक्टिविटी होगी। ट्रेनें चलने से आदिवासी अंचल भी विकास की रफ्तार पकड़ लेगा। रेल मंत्रालय द्वारा विविध व्यय (सामान्य) मद में रतलाम रेल मंडल को बजट आवंटन के बाद रेलवे ने फाइनल लोकेशन सर्वे (एफएलएस) शुरू कर दिया है। इसके पूरा होते ही रतलाम रेल मंडल द्वारा एस्टीमेट समेत डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर रेल मंत्रालय को भेजी जाएगी।
अगले बजट में इस नई रेल लाइनों के लिए पैसा मिलने की उम्मीद है। रतलाम रेल मंडल के पीआरओ खेमराज मीणा ने बताया कि मंडल में कई नई रेल परियोजनाओं पर काम चल रहा है। मकसद ज्यादा से ज्यादा इलाकों के लोगों को रेल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना है। डूंगरपुर रेलवे स्टेशन से लेकर बांसवाड़ा में मध्यप्रदेश की सीमा तक 142.85 किमी और 49.15 किमी मध्यप्रदेश के हिस्से में रेल लाइन बिछानी है। डूंगरपुर व बांसवाड़ा जिले में छोटी सरवन तक 99 गांव की 1282 हैक्टेयर जमीन को अवाप्त करने के लिए कुल अवार्ड 1 अरब 54 करोड़ 26 लाख 14 हजार 689 रुपए में से 31 करोड़ 93 लाख 97 हजार 430 रुपए का ही भुगतान किया है।
इसमें डूंगरपुर के लिए स्वीकृत 23 करोड़ 73 लाख 19 हजार 55 रुपए और बांसवाड़ा के लिए 8 करोड़ 20 लाख 78 हजार 375 रुपए का भुगतान जारी किया था। अभी डूंगरपुर की तहसील सागवाड़ा के 18 गांव और बांसवाड़ा तहसील के 12 गांव, कुल 30 गांवों के अवार्ड जारी होना शेष है। तहसील डूंगरपुर के 2 गांव, बांसवाड़ा तहसील के 10 गांवों के अवार्ड राज्य सरकार के स्तर पर अनुमोदन से शेष है।