भूंगड़ा में आठ साल पहले किशाेरी काे जिंदा जलाने वाली दाेषी दाे युवतियाें काे उम्रकैद
बांसवाड़ा| किशाेरी काे जिंदा जला देने के 8 साल पुराने एक प्रकरण में काेर्ट ने दाे युवतियाें काे दाेषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। घटना भूंगड़ा थाना क्षेत्र में 1 जनवरी, 2013 की शाम की है। 17 वर्षीय कला पुत्री शंकरलाल की जलने से मौत हो गई थी। इस मामले में कला ने दम ताेड़ने से पहले बयान दर्ज करवाया था कि 13 दिसंबर को उसके और आरोपी युवती के बीच झगड़ा हुआ था। बाद में युवती ने 1 जनवरी को मृतका को हैंडपंप पर बुलाया। जहां रात 9 बजे के करीब मृतका पहुंची तो वहां दोनों युवतियां पहले से मौजूद मिली। दोनों उसे चिढ़ाती रही और बाद में उसे उनके घर चलने की बात कहते हुए शंभु निनामा के घर ले गई। जहां पर दाेनाें ही अाराेपी युवतियाें ने मृतका काे पकड़कर केरोसीन उड़ेल आग लगा दी। इसके बाद जख्मी कला को 4 लड़के उसके घर छोड़ गए। कला ने बयान दिया कि उसे दोनों ही युवतियों से हुए झगड़े की वजह से आग लगा दी। भूंगड़ा पुलिस ने जांच शुरू की। पीड़िता कला के बयान दर्ज कराए गए। बाद में इलाज के दाैरान कला की माैत हो गई। बाद में दोनों युवतियों के खिलाफ प्रकरण दर्जकर पुलिस ने चालान पेश किया। अपर लोक अभियोजक शाहिद खान पठान ने बताया कि ट्रायल के दौरान कुल 13 गवाह और 26 दस्तावेज पेश किए। कोर्ट ने कला के बयान और मृत्युकालिक कथन को ठोस सबूत मानते हुए दोनों युवतियों को दाेषी मानते हुए आजीवन कारावास अाैर अाजीवन कारावास की सजा सुनाई।