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टेंडर में गड़बडी: कृषि कनेक्शन लाइनों के लिए 4 करोड़ ज्यादा भरने वाली कंपनी को दे दिया ठेका

Banswara
टेंडर में गड़बडी: कृषि कनेक्शन लाइनों के लिए 4 करोड़ ज्यादा भरने वाली कंपनी को दे दिया ठेका
@HelloBanswara - Banswara -

बांसवाड़ा केंद्र सरकार की संशोसित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के टेंडर में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। प्रोजेक्ट के तहत प्रदेशभर में कृषि कनेक्शन के लिए अलग लाइनें और अलग फीडर बनाए जाने हैं, जिसे लेकर उदयपुर संभाग में प्रतापगढ़ को छोड़कर सभी 6 जिलों में टेंडर जारी किए। आरोप है कि इसमें उदयपुर में एआरजी कंपनी को डिस्कॉम अधिकारियों ने सीधा फायदा पहुंचाया। टेंडर में जहां एआरजी कंपनी ने कुल 269.12 करोड़ की रेट डाली, वहीं प्रतिस्पर्धी कंपनी ने 265.22 करोड़ की रेट डाली। यानी एआरजी कंपनी के 4 करोड़ रुपए ज्यादा रेट डालने के बाद भी उसे ठेका दे दिया गया। इससे पहले भी कृषि कनेक्शन के टर्न-की प्रोजेक्ट में भी ज्यादा रेट बढ़ने के पीछे भी गड़बड़ी होना बताया जा रहा है।

ऐसे समझें... कैसे ज्यादा रेट पर भी कंपनी को एल-1 दिखाया

०4 जी शेड्यूल के हिसाब से टेंडर किया गया है। जिसमें बिल ऑफ क्वालिटी-1 में मेटेरियल सप्लाई की रेट डालनी थी, तो बिल ऑफ क्वालिटी-2 में लेबर रेट बतानी थी। एआरजी ने क्वालिटी-1 में 238.71 करोड़ रेट भरी, तो एमएम ज्दर्स ने 228.28 करोड़ रेट भरी। कहीं बिल ऑफ क्वालिटी-2 लेबर में एआरजी कंपनी ने 30.41 करोड़ और एमएम ब्रदर्स ने 36.94 करोड़ रेट भरी। इसमें एआरजी ने 6.53 करोड़ कम भरी।

* जब बिल ऑफ क्वालिटी-3 में यानी समरी में टोटल दर्शाया गया, जिसमें दोनों कैटेगरी के रेट को जोड़कर दिखाया। जिसमें एआरजी कंपनी को एल-1 घोषित किया। अधिकारियों ने एआरजी के मेटेरियल की रेट 238.71 की जगह 226.50 करोड़ दिखा दिया।

बचाव में उतरे अधिकारी बोले - पहले गलत रेट भरी थी
# एआरजी ने रेट तो कम ही भरी है। एआरजी ने रेट पहले गलत भर रखी थी। वह सही करने के बाद रेट कम हो गई। यहां आओगे तभी पूरी बात समझाएंगे, तो पता चल जाएगा कि कैसे रेट कम भरी है। - पारस कुमार जैन, एसई, प्रोजेक्ट 

किस जिले में कितने का टेंडर

जिला मेटेरियल. लेबर
बांसवाड़ा 63.66 15.68
डूंगरपुर 109.36 12.39
चित्तौड़ढ 170.16 28.83
राजसमंद 6.15. 15.46

(राशी करोड़ों  में )

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