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मुझे पीड़ा हाे रही थी, डाॅक्टर ने रुपए लिए बगैर इलाज करने से मना कर दिया, पति कड़े गिरवी रख 4500 रु. लाए

Banswara
मुझे पीड़ा हाे रही थी, डाॅक्टर ने रुपए लिए बगैर इलाज करने से मना कर दिया, पति कड़े गिरवी रख 4500 रु. लाए
@HelloBanswara - Banswara -

एमजी अस्पताल के जिस डाॅक्टर के नाम से रुपए लिए उनकी भूमिका पर भी एसीबी कर रही जांच

गर्भ में पल रहे बच्चे की माैत पर गर्भपात करने की एवज में 8 हजार रुपए की रिश्वत लेते दानपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डाॅ. प्रदीप शर्मा काे एसीबी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। डाॅ. शर्मा ने स्वास्थ्य केंद्र में ही परिवादी से रिश्वत ली। एसीबी ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया। डाॅक्टर ने यह रुपए एमजी अस्पताल में ऑपरेशन करने वाले डाॅक्टर काे देने के नाम पर लिए थे। एसीबी एमजी अस्पताल के उस डाॅक्टर की भूमिका काे लेकर भी जांच कर रही है। इसे लेकर सीएमएचओ डाॅ. ताबियार और पीएमओ डाॅ. रवि उपाध्याय काे एसीबी कार्यालय बुलाया गया।

12 जून काे दानपुर के बारी गांव की गर्भवती काे दर्द पर हाेने पर परिजन दानपुर स्वास्थ्य केंद्र ले गए। जहां शर्मा ने जांच कर बताया कि गर्भ में बच्चे की माैत हाे गई है। गर्भपात एमजी अस्पताल में हाेगा। डाॅ. शर्मा ने एमजी अस्पताल के डाॅक्टर से बातकर वहां ऑपरेशन करवा देने का भराेसा दिया। इसके बदले 8 हजार रुपए देने पड़ेंगे। गर्भवती के परिजनाें ने एसीबी में शिकायत कर दी। एसीबी ने एमजी अस्पताल के डाॅक्टर का सत्यापन कराया। परिजन जब डाॅक्टर काे रुपए देने गए ताे डॉक्टर ने रुपए लेने से इनकार कर दिया। यह बात परिजनाें ने डाॅ. शर्मा काे बताई ताे उन्हाेंने रुपए लेकर पीएचसी बुला लिया। जहां डाॅ. शर्मा ने एमजी अस्पताल के डाॅक्टर काे रुपए देने की बात कहते हुए रिश्वत ले ली। इसी बीच बाहर पहले से तैनात एसीबी की टीम ने उन्हें पकड़ लिया। फिलहाल गर्भवती का एमजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

प्रदीप यानी प्रकाश फैलाने वाला, लेकिन डॉक्टर ने नाम का अर्थ और शपथ दोनों को उलटा कर दिया

मैं शपथ लेता हूं कि...जितना भी चिकित्सा स्वास्थ्य मैंने सीखा है, उससे अपनी योग्यता और क्षमता के अनुसार मरीज के इलाज के लिए पूरा प्रयास करूंगा। मरीज की सेहत के लिए मुझे खान-पान में परहेज करना पड़ेगा तो मैं यथा संभव ऐसा करूंगा। किसी भी नुकसान और अन्याय से मरीज की रक्षा करूंगा। अगर मैं इस शपथ को पूरा करूं और कभी शपथ के विरुद्ध न जाऊं तो मेरी दुआ है कि मैं अपने जीवन और इस कला का आनंद लेता रहूंगा। समाज में मेरा खूब नाम हो, लेकिन अगर मैंने कभी ये शपथ तोड़ी और झूठा साबित हुआ तो इस दुआ का बिल्कुल उलट असर मुझ पर हो।

मुझे पेट दर्द हाेने पर शनिवार काे पति के साथ दानपुर अस्पताल जांच कराने गई। अस्पताल में डाॅक्टर नहीं मिला। उनके क्लिनिक गए। जांच के बाद डाॅक्टर ने शहर के एक निजी अस्पताल से साेनाेग्राफी कराने के लिए कहा। शहर से रिपाेर्ट करवाकर वापस गए तो डाॅ. प्रदीप ने कहा कि गर्भ में बच्चा मर चुका है। वह इलाज कर देगा, लेकिन 4 हजार रुपए देने हाेंगे। मेरे पति ने हाथ के चांदी के कड़े 4500 रुपए में गिरवी रखे। फिर रविवार काे दानपुर अस्पताल में भर्ती किया। जहां मुझे गर्भपात के लिए टेबलेट दी, लेकिन राहत नहीं मिली। साेमवार सुबह डाॅ. प्रदीप ने जब रैफर करने की बात की ताे पति ने रुपए वापस मांगे। डाॅ. प्रदीप ने एक पर्ची पर एमजी अस्पताल के डाॅक्टर का माेबाइल नंबर लिखकर दिया। माेबाइल पर एमजी अस्पताल के डाॅक्टर से बात की। बाेला कि 8 हजार रुपए दिए बगैर इलाज नहीं करना। पति इलाज शुरू कराने से पहले दानपुर डाॅ. शर्मा काे रुपए देने गए। (जैसा कि गर्भवती नरशा डोडियार ने भास्कर काे बताया।)


एमजीएच के डाॅक्टर की भूमिका पर एसीबी की जांच, पीएमओ से ले रहे हैं जानकारी
एसीबी के एएसपी माधाेसिंह ने बताया कि डाॅक्टर शर्मा ने एमजी अस्पताल के डाॅक्टर के नाम से रुपए लिए हैं। एेसे में यह जांच का विषय है कि डाॅ. शर्मा ने क्या महज एमजी अस्पताल के डाॅक्टर के नाम खुद रिश्वत ली है या सही में इसमें एमजी अस्पताल के डाॅक्टर की भी संलिप्तता है। इसे लेकर पीएमओ से जानकारी ली है। फिलहाल एमजी अस्पताल के डाॅक्टर काे अाराेपी नहीं बनाया है।

डाॅ. शर्मा 10 साल से दानपुर में सेवारत
डाॅ. शर्मा मूल रूप से दाैसा जिले के पाली गांव का वाला है। दानपुर पीएचसी पर लंबे समय से कार्यरत है। इससे पहले लाेहारिया में था। सीएमएचओ डाॅ. एचएल ताबियार ने कहा कि एसीबी की कार्रवाई की जानकारी मिली है। एसीबी से जांच रिपाेर्ट मिलने पर विभागीय कार्रवाई होगी। पीएमओ डाॅ. रवि उपाध्याय ने बताया कि गर्भवती का इलाज डाॅ. अमित वगेरिया कर रहे हैं। यहां किस डाॅक्टर के नाम से रिश्वत ली है, यह जांच से पता चल पाएगा।

एक्सपर्ट : सामान्य प्रसव की तरह कराएंगे गर्भपात
गर्भ में बच्चा 20 सप्ताह का है। एंटी बाॅयाेटिक से इंफेक्शन का काेई खतरा नहीं है। हम काेशिश कर रहे हैं कि सामान्य प्रसव की तरह ही गर्भपात हाे जाए। इसलिए कभी ऑक्सीटाेसिन, सर्वाेप्रिन या गाइडलाइन के तहत अलग-अलग दवाइयां देते हैं। गर्भ में बच्चे की शनिवार काे माैत हुई है लेकिन महिला की सेहत ठीक है। सामान्य प्रसव की काेशिश उसी की सेहत के लिए अच्छा है। -डॉ. ओपी उपाध्याय, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ




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